भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग (MP School Education department) की प्रक्रिया में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। दरअसल सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) के जरिए स्कूली शिक्षा से जुड़ी शिकायतों का निपटारा जल्द से जल्द करने की कवायद जारी है। लगातार मिल रहे मंत्री के निर्देश के बाद अब इसके निराकरण एक से 2 सप्ताह के भीतर होने की वजह से 3 दिन के अंदर हो रहे हैं। इसके लिए विभाग ने शिकायतों निराकरण में देरी के चलते अलग से सेल बनाकर इसका निराकरण शुरू किया है।
जानकारी की माने तो विभाग के प्रक्रिया (Deartmental process) में हो रहे सुधार को देखते हुए विभाग पहली बार D अंक के ऊपर उठकर बी ग्रेड पर आ गया है। मामले में लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) की ओर से स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ी शिकायतों के तुरंत हटाने की कोशिश की जा रही है। वहीं 2 साल में 83 फीसद मामले का निराकरण किया जा चुका है। सीएम हेल्पलाइन के 23 मार्च 2020 से 25 अप्रैल 2022 तक 2 साल के आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।
जिसमें समस्याओं के समाधान तेजी से किए जा रहे हैं। वहीं छात्रों की ग्रेडिंग सुधारने का काम भी जा रही है। 2 साल में हेल्पलाइन में 7967 मामले ऑनलाइन दर्ज किए गए हैं। जिनमें से 50485 मामले का निराकरण किया जा चुका है। वहीं 2589 मामले लंबित हैं। जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
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अधिकारियों का कहना है कि पहली प्राथमिकता शिकायतों के निराकरण की है। इसके लिए सेल बनाकर मामले का निराकरण किया जा रहा है। दरअसल सीएम हेल्पलाइन में विभागों में जितनी शिकायत होती है। उसकी समय सीमा के अंदर शिकायतों के निराकरण की प्रक्रिया को देखते हुए उसे ग्रेडिंग दी जाती है। इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने 2 साल में D ग्रेडिंग से ऊपर उठकर B ग्रेडिंग हासिल की है।
दरअसल DPI अपर संचालक धीरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि स्कूल शिक्षा संबंधित शिकायत की पहली प्राथमिकता से निराकरण किया जा रहा है। Grading सुधर कर B पर आई है। इसमें और सुधार आ जाएगा। वहीं अब तक कुल 83 फीसद का निराकरण किया जा चुका है। जिसमें से 10 फीसद का निराकरण तत्काल प्रभाव से किया गया है। 2 फीसद फर्जी शिकायतें सामने आई है। जबकि 1 फीसद आंशिक रूप से बंद शिकायतें देखने को मिली है। चार फीसद शिकायत पेंडिंग प्रकरण के तौर पर दर्ज है।
अधिकारी का कहना है कि कुछ मामलों का निराकरण तुरंत किया जाता है कि छात्रों की फीस किसी और ने छोटी-छोटी शिकायतों को फोन पर निराकृत कर उन्हें तेजी से समस्या से छुटकारा दिलाया जाता है। साथ ही शिकायतकर्ता जब तक संतुष्ट नहीं हो तब तक उसके मामले को बंद नहीं किया जाता।