MP School : कोरोना के बढ़ते केस से अभिभावक परेशान, बढ़ी ऑनलाइन कक्षा में उपस्थिति, उपभोक्ता मंच की तैयारी

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में कोरोना (MP Corona) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अचानक बढ़े केस से प्रदेश में एक्टिव केसों (active cases) की संख्या 1000 के पार पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में पहले इसके अंदर 308 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद एक बार फिर से मध्यप्रदेश में स्कूलों (MP School) में अवकाश घोषित करने की मांग तेज हो गई है। इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा स्कूलों में अवकाश घोषित किए जाने की बात कही जा रही है।

दरअसल मध्यप्रदेश में फिलहाल ऑनलाइन कक्षाओं के साथ-साथ ऑफलाइन मोड में भी क्लास आयोजित की जा रही है। वही लगातार केसों में हो रही बढ़ोतरी के कारण अब अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। अचानक से Offline कक्षाओं में बच्चों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। जिसके बाद ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वहीं बच्चों की बढ़ती संख्या के बाद एक बार फिर से ऑफलाइन होने वाली परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

इधर कोरोना के नए वेरिएंट सहित अचानक बढ़ रहे केसों के बीच नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा स्कूलों में अवकाश घोषित किए जाने की मांग की जा रही है। मामले में नागरिक उपभोक्ता मंच द्वारा हाईकोर्ट का ध्यान इस ओर आकृष्ट करने की दिशा में तैयारी भी शुरू कर दी गई है। मामले में अधिवक्ता प्रभात यादव द्वारा दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। स्कूलों में अवकाश घोषित किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग का आवेदन किया जाएगा। इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, NSUI की तरफ से भी स्कूलों को बंद करने की मांग की जा चुकी है।

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इधर उपभोक्ता मंच द्वारा स्कूलों में ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन कक्षा लगाने पर बल दिया जा रहा है। वही उपभोक्ता मंच जल्द कोर्ट का रुख करेगी और मध्यप्रदेश में स्कूलों को बंद कर एक बार फिर से ऑनलाइन क्लास संचालन करेगी। ताकि छात्रों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाया जा सके। साथ ही जब तक छात्रों का वैक्सीनेशन का कार्य पूरा नहीं हो जाता। तब तक स्कूल में ऑनलाइन क्लासेस संचालित की जाए।

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में कमी देखने के बाद 9वीं से12वीं तक के छात्रों को 50 शिक्षक क्षमता के साथ ही स्कूलों को खोला गया था। जिसके बाद फिर 1 से 8वीं तक के छात्रों को स्कूल खोले जाने पर सहमति बनी थी। हालांकि इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा ऑफलाइन क्लास को पूरी तरह से जारी रखने के लिए ऑनलाइन क्लास को बंद रखने की तैयारी की गई थी लेकिन अभिभावकों द्वारा बच्चों के वैक्सीनेशन पर सवाल खड़े करने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने के आदेश दिए गए थे।

अब एक बार फिर से Corona के बढ़ते कहर ने स्कूलों के खोले जाने सहित परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न कर दी है। जिसके बाद कोरोना के खतरे के बीच अभिभावकों द्वारा भी बच्चों को स्कूल भेजे जाने पर आपत्ति जताई जा रही है। ऐसे में स्कूलों द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में पढ़ाई आयोजित की जा रही है। सरकार द्वारा भी इसकी अनुमति दी जा चुकी है। साथ ही कई कॉलेजों में ऑनलाइन परीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।

आजा अभिभावकों की मांग है कि बच्चों के ऑफलाइन कक्षाओं की जगह पर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाए। वही उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग Corona के बढ़ते Cases को देखते हुए बच्चों की कक्षाओं को लेकर ने आदेश जारी किए जा सकते हैं।


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