भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश स्कूल (MP School) में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की तैयारी तेज हो गई है। बीते साल CM Shivraj प्रदेश में 9200 सरकारी स्कूलों को सीएम योजना (CM Rise yojana) के तहत सर्वसुविधायुक्त बनाने का निर्णय लिया गया था। जिसका काम तेजी से जारी है।
दरअसल छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास (Smart class) में पढ़ाई और शिक्षकों की आधुनिक तरीके से अध्यापन को लेकर मध्य प्रदेश स्कूल में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री (CM Shivraj) लगातार सरकार की सीएम योजना पर नजर बनाए हुए हैं। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा व्यवस्था देने की शुरुआत जिला स्तर पर करीब दो दशक पहले स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (School of excellence) की स्थापना के साथ की गई थी वहीं अब इसे सीएम राइज स्कूलों में बदल दिया गया है।
बता दे कि प्रदेश में 1 लाख 22 हजार 786 सरकारी स्कूल है। वही सीएम योजना के तहत प्रदेश के 9200 सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। इन स्कूलों में से पहले चरण में 350 स्कूलों में परिवहन, छात्रावास सहित स्मार्ट क्लास से पीने के पानी की व्यवस्था फर्नीचर, खेल मैदान अधिक को पूरा करते हुए अत्याधुनिक स्कूल का स्वरूप दिया जाएगा। वहीं कई स्कूलों में इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। CM Rise School के तहत स्मार्ट क्लास और स्मार्ट शिक्षक के कारण अब निजी स्कूल से छात्र सरकारी स्कूल की तरफ पलायन कर रहे हैं।
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एक आंकड़े की मानें तो वर्ष 2021-22 में सरकारी और निजी स्कूलों में 1 करोड़ 38 लाख छात्रों ने दाखिला लिया है। वहीं अब ए के 2 किलोमीटर पर एक प्राथमिक माध्यमिक हाईस्कूल सहित हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना की गई है।इसके अलावा Corona की पहली और दूसरी लहर के दौरान के दिनों में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति पर जोर दिया गया। सरकारी शिक्षा व्यवस्था मैं ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को शामिल करने के साथ ही साथ स्कूल शिक्षा विभाग डीजीलैप्ड, रेडियो स्कूल और दूरदर्शन के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही थी
वही CM Rise School के तहत बालिका शिक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पहले स्कूल दूर होने की वजह से लोग बालिकाओं को पढ़ने के लिए नहीं देते थे लेकिन अब बालिका छात्रावास खोले जाने और लड़कियों को उचित व्यवस्था मुहैया कराए जाने के बाद बालिका शिक्षा पर बड़ा फोकस हुआ है।
जिला स्तर पर 52 उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए हैं। जिसमें 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की पढ़ाई होती है। प्रवेश परीक्षा के आधार पर इन स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है जबकि 300 से अधिक मॉडल स्कूल (model school) तैयार किए गए जिसमें छठी से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित होती है।
वहीं स्कूली शिक्षा योजना के तहत छात्रों को निशुल्क साइकिल, पाठ्य पुस्तक व गणवेश सहित मध्यान्ह भोजन योजना, स्टार्ट कंप्यूटर समर्थित शिक्षा, स्मार्ट क्लास, स्ट्रीम योजना, इंस्पायर अवार्ड सहित उमंग किशोर हेल्पलाइन, मेधावी विद्यार्थी योजना और गांव की बेटी योजना के तहत स्कूल शिक्षा को सुदृढ़ करने की बड़ी तैयारी की गई है।