भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में गोबर धन योजना (gobar dhan scheme) में साढ़े नौ हजार बायोगैस संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा गया है, इसके तहत 2549 स्कूलों (School) में बायोगैस से मध्यान्ह भोजन पकेगा।। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत 200 से अधिक छात्रों का मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले 2549 स्कूलों में बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जायेंगे आवश्यकता एवं माँग के अनुसार सामुदायिक, सामूहिक एवं व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जायेंगे।
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दरअसल, खाना पकाने के लिये पारम्परिक ईंधनों पर निर्भरता कम करने के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (Clean India Mission) के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 9500 बायोगैस संयंत्र लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वितीय चरण के अंतर्गत स्वच्छता के लिये व्यापक पैमाने पर काम किया जा रहा है।खाना पकाने के लिये रसोई को भी स्वच्छ एवं धुआँ-रहित बनाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं।
इसी क्रम में गैलवनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो रिसोर्सेस (Galvanizing Organic Bio Agro Resource ) परियोजना के तहत बायोगैस संयंत्र निर्माण किया जा रहा है। कोविड (Covid-19) के दौरान विद्यालय बंद होने के कारण विद्यालय बंद थे। इसलिये प्रत्येक जिले में कम से कम एक गौशाला में तथा 5 से 10 घरों के बीच 20 से 25 सामूहिक बॉयोगैस संयंत्र लगाये जा रहे हैं।बायोगैस संयंत्रों को बढ़ावा देने के लिये जन-भागीदारी एवं सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के लिये भी प्रयास किये जा रहे हैं।
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इस कार्य में शासकीय एजेंसी के रूप में ऊर्जा विकास निगम (Energy Development Corporation) तथा एमपी एग्रो (mp agro) से सहयोग लिया जा रहा है। बायोगैस संयंत्र के लिये ग्राम पंचायत स्थल चयन कर अनुशंसा सहित प्रस्ताव जनपद पंचायत को प्रेषित करेगी। जनपद से प्रस्ताव जिला पंचायत में पहुँचाये जायेंगे, जहाँ जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा परीक्षण उपरांत प्रशासकीय स्वकृति जारी की जायेगी।