Thu, Dec 25, 2025

MP School: राज्य शिक्षा केंद्र की शिक्षकों के लिए बड़ी तैयारी, 1 से 12वीं तक के छात्रों को लाभ मिलेगा

Written by:Kashish Trivedi
Published:
Last Updated:
MP School: राज्य शिक्षा केंद्र की शिक्षकों के लिए बड़ी तैयारी, 1 से 12वीं तक के छात्रों को लाभ मिलेगा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश(MP) में नई शिक्षा नीति (New education policy) लागू कर दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में MP School शिक्षकों (teachers) की मानिटरिंग (monitoring) को लेकर मध्यप्रदेश में कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को मेंटरिंग के गुण सिखाने के साथ ही साथ MP School 1 से 12वीं छात्रों के व्यवसायिक ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। अब शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय मंत्री ब्लू बुक का निर्माण किया गया है।

संचालक राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र धनराजू एस ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों के सहयोगी मार्गदर्शन (mentoring) की आवश्‍यकता पर जोर दिया। उन्‍होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) में शिक्षकों की मेंटरिंग के लिए नेशनल मेंटरिंग मिशन द्वारा तैयार की जा रही ब्लू बुक और उसके विभिन्न अध्याय तथा सार से अवगत कराया।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के द्वारा तैयार की जा रही ‘‘मेंटरिंग ब्ल्यू बुक‘‘ कार्यशाला के निष्कर्षों के आधार पर नेशनल मेंटरिंग मिशन द्वारा तैयार की जा रही ‘‘मेंटरिंग ब्ल्यू बुक‘‘ के प्रारुप को अंतिम रुप प्रदान किया जायेगा। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र ने कहा कि इससे एक से बारहवीं तक के छात्रों को जहां लाभ मिलेगा। वहीं शिक्षकों के मेंटरिंग से व्यावसायिक कोर्सो की तरफ छात्रों के ध्यान भी आकर्षित होंगे। शिक्षक ज्यादा सहज तरीके से छात्रों को व्यवसायिक पाठ्यक्रम की ओर ले कर जा सकेंगे।

Read More : MPPEB : उम्मीदवारों का इंतजार हुआ खत्म, रिजल्ट जारी, यहां करें डाउनलोड

कार्यशाला में पैनल चर्चा के दौरान NCTE के प्रतिनिधि जयेश पटेल एवं डॉ. अशोक पांडे ने मेंटरिंग के लिए इस पहल को बाटमअप एप्रोच बताया और NEP के क्वालिटी फोकस से जोड़ कर प्रस्‍तुत किया। उन्होंने कहा कि primary classes में अध्‍यापन एक जटिल प्रक्रिया है और नए शिक्षकों (teachers) को मेंटरिंग प्रक्रिया से बहुत लाभ मिलता है। शिक्षकों की मेंटरिंग में आपसी विश्‍वास, स्‍वयं का आचरण, सटीक और भयमुक्‍त प्रश्‍नोत्‍तरी का गुण परम् आवश्‍यक है।

सचिन आशापूरे ने शिक्षकों के सहयोगी मार्गदर्शन (मेंटरिंग) के क्षेत्र में एटीएम शब्द का इस्तेमाल करते हुए Acceptance, Trust, Motivation (स्‍वीकार्यता, विश्वास, मोटिवेशन) इन बिंदुओं का समावेश प्रस्‍तावित ब्‍ल्‍यू बुक में करने पर जोर दिया। कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) और शिक्षा क्षेत्र के विभिन्‍न सहयोगियों ने सहभागिता की।