भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के किसानों (MP Farmers) को बड़ी राहत मिली है। दरअसल सहकारी बैंकों (co-operative banks) को मध्यप्रदेश शासन द्वारा बड़े निर्देश दिए गए हैं। जिसके बाद अब किसानों के मर्जी के बिना बैंक उनके लोन (bank loan) की कटौती नहीं कर सकेंगे। दरअसल इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन द्वारा सभी जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (chief executive officer) को निर्देश दे दिए गए हैं।
निर्देश के मुताबिक किसानों के खाते में प्राप्त होने वाली फसल बीमा दावे की राशि को केवल उनकी मर्जी के साथ ही कटौती की जा सकेगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश देते हुए राज्य शासन ने कहा फसल बीमा दावे की राशि से केवल फसल के कालातीत ऋण- शेष मध्यावधि परिवर्तन ऋण कटौती किया जाएगा। इसके अलावा किसानों के खाते से अन्य कालातीत ऋण की भी कटौती की जा सकेगी।
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राज्य शासन द्वारा सभी जिला सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा गया है कि किसी भी चालू ऋण की कटौती बीमा दावे से नहीं की जाएगी और किसानों के खाते में जमा राशि पर भी बिना किसी कारण होल्ड नहीं लगाया जा सकेगा। Shivraj Government द्वारा जिला सहकारी बैंकों को दिए गए निर्देश में कहा गया कि यदि किसान अपनी सहमति से वार्षिक ऋण या अन्य कटौती कराना चाहते हैं तो बैंक किसानों की सहमति के अनुसार ही कटौती कर सकेंगे।
साथ ही यदि बैंक ने किसानों के बीमा दावे की राशि में से अधिक कोई भी कटौती की तो उसे वापस से किसानों के खाते में भेजा जाए। इतना ही नहीं बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों के खाते में निकासी पर किसी भी तरह का होल्ड ना लगाया जाए और लगे हुए होल्ड को तत्काल समाप्त किया जाए। मध्य प्रदेश के कई किसानों द्वारा शिकायत में कहा जा रहा था कि बैंक द्वारा चालू वर्ष के दिनों में किसान बीमा राशि से कटौती की जा रही है।
इतना ही नहीं किसानों से इस मामले में सहमति तक नहीं ली जा रही है। साथ ही उनके निकासी पर होल्ड लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है किसानों को काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की समस्या को ध्यान में रखकर के बड़ा फैसला लिया गया।