निकाय चुनाव: गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान-अब तक कोई अध्यादेश राजभवन नहीं भेजा गया है

Pooja Khodani
Updated on -
narottam mishra

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। मध्यप्रदेश में महापौर, नपाध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्षों को पार्षद चुनेंगे या जनता इसका अबतक फैसला नहीं हो पाया है,हालांकि शिवराज सरकार द्वारा इसको लेकर अध्यादेश लाने की तैयारी है, इसी बीच गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज! बढ़ सकती है रिटायरमेंट की उम्र और पेंशन राशि,जानें अपडेट

आज मीडिया से चर्चा करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव से जुड़ा कोई भी अध्यादेश अब तक राजभवन नहीं भेजा गया है। बता दे कि शिवराज सरकार ने पहले अध्यादेश राज्यपाल को भेजा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उसे वापस बुला लिया था।

दरअसल,कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि आगामी चुनाव में जनता ही महापौर व नपा अध्यक्ष का चुनाव करेगी, इसके लिए शिवराज सरकार ने एक बार फिर अध्यादेश को राजभवन भेजा है।इसके तहत नगर निगमों में महापौर, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे, यानी सभी का चुनाव सीधे जनता करेगी।यह निर्णय मंगलवार देर शाम भाजपा दफ्तर में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ हुई बैठक के बाद लिया,लेकिन गृह मंत्री ने इससे इंकार कर दिया है।

शिवराज सरकार की बड़ी तैयारी, कलेक्टरों को मिले ये निर्देश, युवाओं को मिलेगा रोजगार

बता दें किहाल ही में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह का भी बयान सामने आया था कि नगरीय निकायों के चुनाव को देखते हुए शिवराज सरकार का बड़ा फैसला लिया है। कमलनाथ सरकार के फैसले को बदला जाएगा। इसके तहत महापौर नगर पालिका और नगर परिषदों में अध्यक्ष जनता चुनेगी।पुराने नियमों से चुनाव होंगे। एक शहर में एक ही महापौर होगा।महापौर और अध्यक्ष शहर का प्रतिनिधित्व करता है जनता से निर्वाचित होना चाहिए। हम अध्यादेश लायेंगे,इसको लेकर आयुक्त को सूचित कर दिया गया है।

 

 


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News