अलग अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के असर से एक बार फिर मध्य प्रदेश का मौसम बदल गया है, जिसके चलते प्रदेशभर में रूक रूक कर बारिश हो रही है। आज रविवार को भी भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, रीवा, शहडोल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस दौरान बादल गरजने के साथ बिजली चमकने गिरने और तेज हवा चलने का भी अनुमान है। सोमवार से बारिश की गतिविधियों में और तेजी आने के आसार है। फिलहाल 2-3 दिन मौसम का मिजाज यूही बना रहेगा।बता दे कि शनिवार को 22 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। भोपाल के पास कोलार डैम के सीजन में पहली बार 2 गेट ,कलियासोत के 2 और भदभदा का एक गेट खुला।
आज रविवार इन जिलों में बारिश का अलर्ट
भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, आगर मालवा, देवास, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर और उज्जैन
25 सितंबर को सक्रिय होगा नया वेदर सिस्टम
- दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा पूर्व, भटिंडा, फतेहाबाद, पिलानी, अजमेर, दीसा, भुज और पूर्व से होकर गुज़र रही है।अगले 2-3 दिनों के दौरान गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब, एचपी और जेके के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।उत्तरी अंडमान सागर और संलग्न म्यांमार तट पर ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। इसके लगभग उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 22 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग तक पहुँचने की प्रबल संभावना है।
- 25 सितंबर के आसपास म्यांमार-बांग्लादेश तटों के पास पूर्व-मध्य और संलग्न उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है।एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण उत्तर-पूर्व यूपी और संलग्न बिहार पर माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है।उत्तर-दक्षिण ट्रफ़, उत्तर-पूर्व उत्त उत्तरप्रदेश और संलग्न बिहार पर बने ऊपरी हवा के चक्रवातीय
परिसंचरण से मध्य प्रदेश होते हुए पश्चिम विदर्भ तक माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय
है।
Madhya Pradesh: 1 जून से 20 सितंबर तक कहां कितनी हुई वर्षा
- मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 21% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 16% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 24% अधिक वर्षा हुई है। एमपी में अब तक 43 .6 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 118 प्रतिशत है। अब तक 36.1 इंच बारिश होनी थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।
- सबसे कम बारिश वाले जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है।भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।
MP Weather Forecast Till 21 September






