छतरपुर, संजय अवस्थी। मध्यप्रदेश (MP weather) में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हुआ है। लगातार हो रही बारिश से जहां मौसम में नबी गोली है वही ठंडे वातावरण के साथ जलजमाव की स्थिति भी बन गई है। वही तीव्र बारिश की वजह से नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। बावजूद लोग असावधानी से बाज नहीं आ रहे हैं। दरअसल मामला छतरपुर जिले का है। जहां नदी में मछली पकड़ने के दो युवक अचानक से भारी बारिश के कारण नदी में फंस गए थे।
इस दौरान खुद की जान जोखिम में डालकर थाना प्रभारी ने उन दोनों युवकों का रेस्क्यू किया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राजनगर थाना प्रभारी पंकज शर्मा की तारीफ की है मिश्रा ने कहा की सरकार पोलिसकर्मी को पुरुस्कृत करेगी। अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वही लोग थाना प्रभारी के जांबाजी की दाद रहे हैं। छतरपुर में थाना प्रभारी ने अपनी जान जोखिम में डालकर खुद नदी में उतर कर दो युवकों की जान बचाई है। मामला राजनगर थाना क्षेत्र के कूटने नदी का है। जब नदी में मछली पकड़ने दो युवक गए थे। तभी अचानक कुटने नदी में बारिश के चलते पानी बढ़ गया और यह दोनों युवक बीच नदी में एक टापू में फस गए।
इसकी जानकारी पुलिस को लगी थी। मौके पर पहुंचे राजनगर थाना प्रभारी ने देखा कि रेस्क्यू टीम के आने में वक्त लग रहा है तो वह खुद एक अन्य युवक की मदद के साथ नदी में उतर गए और जान जोखिम में डालकर दोनों युवकों को 5 घंटे की कड़ी मशक्कत कर रेस्कयू कर सकुशल बाहर निकाल लिया। दोनों लोगों के परिजनों ने राजनगर थाना प्रभारी पंकज शर्मा का आभार जताया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राजनगर थाना प्रभारी पंकज शर्मा की तारीफ की है मिश्रा ने कहा की सरकार पोलिसकर्मी को पुरुस्कृत करेगी। पंकज शर्मा ने जान जोखिम में डालकर पानी मे डूब रहे लोगों की जान बचाई थी।
बारिश के बाद पहाड़ों से गिरे चट्टाननुमा पत्थर, मार्ग अवरुद्ध
देवास, बागली, सोमेश उपाध्याय। जिले भर में देर रात से जारी बारिश के बाद बागली के निकट बरझाई घाट के आगे पहाड़ो से बड़े बड़े चट्टाननुमा पत्थर सड़क पर गिर गए।बड़े पत्थर होने के कारण आवागमन का मार्ग भी अवरुद्ध हो गया।मार्ग के एक और खाई और दूसरी तरफ पहाड़ होने के मार्ग आवागमन में परेशानी बढ़ गई।इसके पूर्व भी सड़क पर पहाड़ से पेड़ गिर चुका है।बारिश के दिनों में यह मार्ग खतरे से खाली नही है
।वही देर रात से अनवरत जारी बारिश से किसानों के चेहरे भी खिलने लगे है।बारिश न होने के कारण ग्रामीण अंचलों ने लगातार टोन-टोटके व लोक मान्यताओं के जतन किए जा रहे थे।बागली के निकट कांगरिया पहाड़ पर भी पूजन अर्चन की गई,वही उदयनगर,पुंजापुरा, पिपरी आदि दर्जन भर से अधिक गांवो में हवन-पूजन के साथ बाग रशोई के कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।