नरोत्तम ने बयां किया बाढ़ का खौफनाक मंजर, कैसे बचाई दो बच्चियों और एक परिवार की जान

Kashish Trivedi
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दतिया, सत्येन्द्र सिह रावत।दतिया (datia) दौरे पर पहुंचे प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ Narottam mishra ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने सप्ताह भर पहले किए गए Rescue ऑपरेशन की जानकारी दी और बताया कि किस तरह से विषम परिस्थितियों में लोगों की जान बचाई।

गुरुवार को प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा दतिया के कोटरा गांव पहुंचे और बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि केंद्र व राज्य दोनों सरकारें मुसीबत की इस घड़ी में उनके साथ हैं और जल्द से जल्द यथास्थिति बहाल करने की पुरजोर कोशिश सरकार कर रही है। Narottam के साथ मंच पर वह दो बच्चियां भी थी जिन्हें सप्ताह भर पहले बचाने के लिए खुद नरोत्तम मिश्रा ने अपनी जान जोखिम में डाल दी थी।

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दरअसल जब नरोत्तम मिश्रा को यह जानकारी मिली थी कि बाढ़ के कारण कोटरा का एक परिवार गांव में फंसा हुआ है तो वे एसडीआरएफ वोट लेकर उन्हें बचाने के लिए गांव गए। उन्होंने बच्चियों को नाव में बिठा भी लिया। लेकिन तभी नाव के ऊपर एक पेड़ गिर गया जिसके कारण नाव क्षतिग्रस्त हो गई और उसका वापस आना नामुमकिन हो गया। इसके बाद सेना का हेलीकॉप्टर बुलाया गया और उसकी मदद से दोनों बच्चियों सहित पूरा परिवार और खुद नरोत्तम मिश्रा सुरक्षित वापस आए।

Narottam ने भाव व्हिल होकर कहा कि यह सारे दृश्य दिल दहलाने वाले थे और उस समय बस यह लग रहा था कि किसी भी तरह से इन बच्चियों सहित परिवार की जान बच जाए। उन्होंने ग्रामीणों को यह भी भरोसा दिलाया कि जल्द से जल्द उनके क्षतिग्रस्त हुए मकानों को बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा और इसके लिए आवश्यक राशि राज्य सरकार जल्द उपलब्ध कराएगी। इस अवसर पर बच्ची ने भी यह दास्तां सुनाई कि किस तरह से उसने जिंदगी की आस छोड़ दी थी लेकिन नरोत्तम मिश्रा के आने के कारण उसकी जान में जान आई। परिजन भी भावुक हो उठे और नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें गले से लगाकर सात्वना दी


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