भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में नगर निकाय (MP Urban body elections) और पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। दरअसल नगर निकाय- पंचायत चुनाव जल्द से जल्द कराने के लिए राज्य शासन की तैयारी की जा रही। आरक्षण (ward reservation) का काम सुनिश्चित होने के बाद जल्द तारीखों की घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि जून के पहले सप्ताह में तारीखों की घोषणा की जा सकती है। इससे पहले वार्ड आरक्षण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।
इसी बीच राज्य निर्वाचन आयुक्त (state election commissioner) ने बड़े निर्देश जारी किए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा है कि मतदाता जागरूकता अभियान में जिला जनसंपर्क अधिकारी प्रो-एक्टिव भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा है कि निर्वाचन कार्यक्रम एवं समस्त महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं और गतिविधियों की जानकारी उम्मीदवार, जन-प्रतिनिधियों एवं जन-सामान्य तक पहुँचना जरूरी है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि जिला जनसंपर्क अधिकारी कलेक्टर और उप जिला निर्वाचन अधिकारी से निर्वाचन संबंधी विभिन्न गतिविधियों तथा नवाचारों की जानकारी प्राप्त कर प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करें। इससे मतदाता मतदान के लिए प्रेरित हो सकेंगे। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने बताया है कि मतदाता जागरूकता अभियान (SENSE) में जिला स्तर पर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित करने के निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए गए हैं।
पेंशनर्स के पेंशन-फैमिली पेंशन बड़ी अपडेट, जल्द बढ़ेगी राशि, समिति की रिपोर्ट पेश, जाने कब मिलेगा लाभ
वहीं राज्य निर्वाचन आयोग सचिव राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि नगरीय निकायों में मतदान का समय सुबह 7 से शाम 5 बजे तक रहेगा। सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसकी जानकारी संबंधित जनों को देने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि मानसून की स्थिति को देखते हुए पहले मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव कराए जाने की संभावना जाहिर की गई। हालांकि बारिश के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान केंद्र तक पहुंचने पर दिक्कत आ सकती है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी आयोग को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दे दी है। जिसके बाद 25 जून को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 26 मई को आयोग को निकायवार आरक्षण की स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
इससे पहले ईवीएम और मतपत्र को लेकर भी नवीन दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। कलेक्टर और विभाग को जानकारी देते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र के लिए कागजों की जांच को लेकर भी निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे पहले बीजेपी सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए यू-टर्न लिया। दरअसल मध्यप्रदेश में प्रत्यक्ष प्रणाली से नगर निकाय के चुनाव करवाए जाएंगे।
4 दिन पहले मध्य प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने घोषणा की थी कि जनता के द्वारा ही प्रदेश में महापौर और अध्यक्ष को चुना जाएगा। हालांकि अब इस पर सरकार ने यू-टर्न वापस लेते हुए उसे राजभवन से वापस बुला लिया। बता दें कि इससे पहले मंत्री ने कहा था कि प्रत्येक चुनाव प्रणाली में खरीद-फरोख्त की संभावनाएं कम हो जाती है और जनता निष्पक्षता के साथ अपने प्रतिनिधित्व का चुनाव करती है। इसके लिए संशोधन अध्यादेश राज्यपाल को भेजे गए थे। जिसे वापस बुलाया गया है। वही निकाय चुनाव में महापौर अध्यक्ष के चुनाव के प्रत्यक्ष प्रणाली की व्यवस्था थी। जिसे यथावत रखा जाएगा।