वही कर्मचारी द्वारा नई पेंशन योजना में मासिक अंशदान को भी एक अप्रैल 2022 से बंद कर दिया गया है। सचिव को पत्र लिखे जाने के बाद रकम को लौटाया जाता है या नहीं, इस पर पीएफआरडीए क्या फैसला लेता है। यह देखना दिलचस्प होगा। मामले में अधिकारियों ने 21 मई को कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को एक पत्र लिखकर नवंबर 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में जमा किए गए धन को उपार्जन के साथ वापस करने के लिए कहा है।
पीएफआरडीए, नई दिल्ली के अध्यक्ष को शुक्रवार को लिखे पत्र में, राज्य के वित्त सचिव अलार्मेलमंगई डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने का फैसला किया है और इसलिए निर्णय को लागू करने की मांग की जा रही है।
बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल द्वारा 1 नवंबर 2004 से पहले प्रभावी OPS को बहाल करने के निर्णय को मंजूरी देने के बाद इस संबंध में एक राजपत्र अधिसूचना प्रकाशित की गई थी। पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों के एनपीएस खातों में नियोक्ता और कर्मचारी के मासिक योगदान को भी इस साल 1 अप्रैल से रोक दिया गया है।
Ration Card : राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर, बदली पात्रता, यह होंगे नए नियम, इनके कार्ड होंगे निरस्त
पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग
राज्य सरकार द्वारा एनपीएस में पंजीकृत प्रत्येक कर्मचारी के लिए एक नया जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) खाता खोला गया है। wahin राज्य सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 1 नवंबर, 2004 से 31 मार्च, 2022 की अवधि के दौरान 11,850 करोड़ रूपए (कर्मचारी और नियोक्ता योगदान) को इसके द्वारा राष्ट्रीय प्रतिभूति जमा लिमिटेड (NSDL) में स्थानांतरित कर दिया गया है। वर्तमान इस राशि का बाजार मूल्य लगभग 17,240 करोड़ रूपए है।
वित्त सचिव ने आगे पीएफआरडीए से वर्तमान बाजार मूल्य के अनुसार राशि जल्द वापस करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसका उपयोग भविष्य की पेंशन देनदारियों को पूरा करने के लिए किया जाएगा और इसे राज्य सरकार के लोक खाते के तहत एक अलग पेंशन फंड में रखा जाएगा। वित्त सचिव ने यह भी कहा है कि कर्मचारियों द्वारा उनके एनपीएस खातों में योगदान की गई मूल राशि कर्मचारियों के छत्तीसगढ़ जीपीएफ खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि के नियमों के तहत राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी ब्याज संबंधी निर्देशों के अनुसार एक नवंबर 2004 से ब्याज देय होगा। एनपीएस में किए गए कर्मचारी योगदान के मौजूदा बाजार मूल्य और कर्मचारियों द्वारा योगदान की गई मूल राशि के अंतर का उपयोग जीपीएफ खातों में देय ब्याज को क्रेडिट करने के लिए किया जाएगा।