नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश में कोरोना मामलों (corona) में अचानक वृद्धि के साथ ओमाइक्रोन (omicron) मामलों की बढ़ती संख्या के साथ केंद्र ने मंगलवार को राज्यों से बड़े समारोहों पर सख्त नियम के साथ-साथ रात का कर्फ्यू (curfew) लगाने को कहा है। केंद्र ने मंगलवार को राज्यों से रात में कर्फ्यू लगाने और देश के विभिन्न हिस्सों में ओमाइक्रोन कोरोना संस्करण के मामलों में वृद्धि के बीच बड़ी सभाओं को सख्ती से नियंत्रित करने के लिए कहा है।
दरअसल सरकार ने ये कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा चेतावनी देने के एक दिन बाद उठाया है बता दें कि क्रिसमस-नएसाल को देखते हुए कई देशों में छुट्टियों की अवधि में सामाजिक व्यवस्था बिगड़ने से संक्रमण बढ़ने से मामलों में वृद्धि होगी, जिसका असर स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़ेगा और इसके परिणामस्वरूप अधिक मौतें होंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को रात के कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाने और नियंत्रण क्षेत्र घोषित करने के लिए कहा है। यदि जिलों में या तो 10% पाजिटिविटी दर है या ऑक्सीजन-समर्थित या गहन देखभाल इकाइयों में खपत 40% तक बढ़ जाता है तो नाईट कर्फ्यू के निर्देश दिए गए हैं।
एहतियाती उपाय के रूप में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को (वीओसी) ओमाइक्रोन को शामिल करने के लिए रोकथाम उपायों को लागू करने के लिए कहा है। केंद्र ने कहा है कि नया वेरिएंट डेल्टा की तुलना में कम से कम 3 गुना अधिक तेजी से फैलता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे अपने पत्र में राज्यों से शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में कटौती करने और कार्यालयों, उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन में संख्या को सीमित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय और जिला स्तर पर अधिक दूरदर्शिता, डेटा विश्लेषण, गतिशील निर्णय लेने और सख्त नियंत्रण कार्रवाई की आवश्यकता है।
पत्र में दिए गए सुझाव
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में कटौती करने को कहा है। स्वास्थ्य सचिव के पत्र में कार्यालयों, उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन में संख्या सीमित करने के लिए कहा गया है। जिला स्तर पर कोरोना से प्रभावित जनसंख्या से संबंधित उभरते आंकड़ों की लगातार समीक्षा करते रहें। भौगोलिक प्रसार, अस्पताल के बुनियादी ढांचे और इसके उपयोग, जनशक्ति की निगरानी की जानी चाहिए।