नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रक्षा बलों के लिए एक रैंक, एक पेंशन (One Rank One pension) पर केंद्र सरकार (Modi Government) के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है। उसमें कोई संवैधानिक कमी नहीं है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि समान रैंक वाले पेंशन भोगियों (pensioners) को समान पेंशन (pension) दी जानी चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार 2019 से एक बार फिर से पेंशन तय की जाएगी और 5 साल बाद संशोधित की जाएगी। इतना ही नहीं 3 महीने के अंदर पेंशनर्स के बकाए पैसे का भुगतान किया जाएगा।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने पेंशन और कट-ऑफ तारीखों को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों में कहा कि कोई कानूनी आदेश नहीं है। ऐसा कोई आदेश नहीं है समान रैंक वाले पेंशनभोगियों को समान पेंशन दी जानी चाहिए और वह कुछ Pensioners पर लागू होने वाले अलग-अलग लाभ जो देय पेंशन को भी प्रभावित करेंगे, उन्हें बाकी कर्मियों के बराबर नहीं किया जाना चाहिए।
तर्क को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि One rank One Pension मनमानी नहीं है। Supreme Court ने कहा कि One Rank One Pension सभी पेंशनभोगियों पर समान रूप से लागू होती है, चाहे Retirement की तारीख कुछ भी हो। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेंशन की गणना के लिए आधार वेतन बढ़ाने का नीतिगत निर्णय लिया था, क्योंकि पेंशन की गणना के उद्देश्य से अंतिम आहरित वेतन के समान आवेदन से पूर्व सेवानिवृत्त लोगों को नुकसान होगा। निर्णय में कहा गया है कि कट-ऑफ तिथि का उपयोग केवल पेंशन की गणना के लिए आधार वेतन निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
जबकि 2014 के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के लिए अंतिम आहरित वेतन का उपयोग पेंशन की गणना के लिए किया जाता है, जो 2013 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं, उनके लिए 2013 में प्राप्त औसत वेतन का उपयोग किया जाना है। निस्संदेह, केंद्र सरकार के पास न्यूनतम, अधिकतम या औसत या औसत लेने सहित कई नीतिगत विकल्प थे लेकिन उन्होंने औसत को अपनाने का फैसला किया। औसत से नीचे के व्यक्तियों को औसत अंक तक लाया गया, जबकि औसत से ऊपर आने वालों को संरक्षित किया गया, इसलिए इस तरह का निर्णय नीति विकल्पों के दायरे में आता है।
SC ने जानकरी दी है कि 2015 में कहा गया है कि भविष्य में हर पांच साल में पेंशन फिर से तय की जाएगी। SC ने निर्देश दिया कि 1 जुलाई, 2019 से पांच साल की समाप्ति पर एक पुन: निर्धारण अभ्यास किया जाएगा और सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को देय बकाया की गणना की जाएगी। तीन महीने के भीतर Pensioners को Pension भुगतान किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी जिसमें रिटायर सैनी कर्मचारियों को 5 साल में एक बार पेंशन की समीक्षा करने की नीति को चुनौती दिया गया था।