नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। मानसून सत्र (monsoon session) के दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) ने बड़ा खुलासा किया है। दरअसल प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना (PM-Kisan) का लाभ बड़े पैमाने पर देशभर के किसानों को दिया जा रहा है। जहां BJP सरकार ने हर साल किसानों खाते में 6000 रूपए दिलाने का वादा किया था। वही प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अब तक कई पात्र किसानों को आठवीं किश्त दी जा चुकी है। इसी बीच देशभर के 42 लाखों पात्र किसानों को बड़ा झटका लगेगा। उनसे 3000 करोड़ रुपए की वसूली की जाएगी।
मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम किसान सम्मान योजना के तहत देश भर के 42 लाखों पात्र किसानों के खाते में पैसे भेजे जा चुके हैं हालांकि सरकार द्वारा की गई भूल के बाद किसानों से राशि की वसूली की जाएगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद को सूचित किया है कि सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यह पाया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत 42 लाख अपात्र किसानों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं और केंद्र सरकार अब वसूली कर रही है।
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इसके अलावा तोमर ने कहा कि अपात्र लाभार्थियों से धन की वसूली के लिए Sop जारी किए गए हैं और राज्यों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। तोमर ने कहा कि सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान यह पाया गया कि योजना का लाभ कुछ अपात्र लाभार्थियों को हस्तांतरित किया गया था। जिनमें कुछ आयकर दाता किसान भी शामिल थे।
अपात्र लाभार्थियों के बारे में राज्यवार आंकड़े साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि अपात्र किसानों की सूची में असम सबसे ऊपर है और उसके बाद तमिलनाडु, पंजाब और महाराष्ट्र का स्थान है। असम में, लगभग 8.35 लाख पंजीकरण अपात्र के रूप में पहचाने गए हैं जबकि तमिलनाडु में 7.22 लाख लाभार्थियों को गलत गतिविधियों के कारण अपात्र के रूप में पहचाना गया है। पंजाब में 5.62 लाख अपात्र किसान, महाराष्ट्र में 4.45 लाख अपात्र, उत्तर प्रदेश में 2.65 लाख अपात्र जबकि गुजरात में 2.36 लाख पहचाने गए हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक की संयुक्त भूमि/स्वामित्व वाले छोटे और सीमांत किसान परिवारों को तीन समान किश्तों में 6,000 प्रति वर्ष की आय सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन उन पात्र किसान परिवारों की पहचान करता है जो योजना दिशानिर्देशों के अनुसार सहायता के लिए पात्र हैं और सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि हस्तांतरित करते हैं।