जबलपुर, संदीप कुमार। सहारा इंडिया ग्रुप (SAHARA India Group) की सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी लिमिटेड (Saharian Universal Multipurpose Society Ltd.) द्वारा देश भर के 40000 से ज्यादा निवेशकों (investors) का धन निवेश कराने और अधिकांश का वापस न लौटाने का मामला सामने आया है। इस मामले में EOW ने 11 महिलाओं सहित 14 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (State Economic Offenses Cell) की जबलपुर इकाई को शिकायत प्राप्त हुई थी कि सहारा इंडिया ग्रुप (SAHARA India Group) की सहारा मल्टीपरपज सोसायटी और सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी ने एजेंटों के माध्यम से एनएचबीसी कंपनी के बजाय सोसाइटी में निवेश कराकर कमाई की और धन का दुरुपयोग किया गया।
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प्रारंभिक तौर पर छह निवेशक सामने आए जिन से लगभग 3700000 की राशि जमा कराई गई लेकिन मेच्योरिटी के बाद भी निवेशकों का भुगतान नहीं हुआ। इस मामले की प्राथमिक जांच करने पर EOW ने पाया कि सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी के पदाधिकारी आपराधिक षड्यंत्र रच कर नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की तरह निवेशकों को लुभावनी स्कीम योजना बताकर जमा किए पैसों को बहुत कम समय में दोगुना करने का प्रलोभन देकर उनसे धोखाधड़ी कर पैसा एकत्र कर रहे हैं।
प्रारंभिक तौर पर आरोप प्रमाणित होने पर सोसायटी के पदाधिकारी गण जिनमें चेयरमैन श्रीमती सीमा शामिल है, सहित 11 महिलाओं व तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 409, 420, 120 बी एवं धारा 34 इनामी चिट व धन परिचालन अधिनियम 1978 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इस कंपनी में लगभग 40000 निवेशकों ने अरबों रुपए का निवेश किया है और अब इस बात की जांच की जा रही है कि इनमें से कितने लोगों का पैसा मेच्योरिटी अवधि पूरी होने के बाद में वापस नहीं लौटाया गया है।