लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। देश भर में आक्रोश के बीच लखीमपुर (lakhimpur kheri) हिंसा में यूपी सरकार (UP Government) पर अब सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने अपना रोष प्रकट किया है दरअसल सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय (SC) ने कहा कि कानून को “किसी भी घटना में जो भी शामिल है” उसके खिलाफ अपना काम करना चाहिए। अदालत ने कहा हम अब तक की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।
उच्च न्यायलय ने कहा कि क्या पुलिस तुरंत जाकर आरोपी को गिरफ्तार नहीं करेगी। चीजें उस तरह से आगे नहीं बढ़ीं, जैसी उन्हें होनी चाहिए थीं। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने तीखी फटकार में कहा, यह केवल शब्द प्रतीत होता है, कार्रवाई नहीं। यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हरीश साल्वे ने स्वीकार किया है कि इस केस में अभी तक बहुत कुछ नहीं किया गया है।
दरअसल हत्याकांड में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष आरोपी है। किसानों ने एक प्राथमिकी में कहा है कि वह रविवार को शांतिपूर्ण काले झंडे के विरोध के बीच प्रदर्शनकारियों की एक सभा में गए थे। जहाँ चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा हम अन्य मामलों में अन्य व्यक्तियों के साथ करते हैं।अदालत खुलने के बाद मामले की सुनवाई करें। यदि तब तक पर्याप्त प्रगति नहीं होती है तो केस सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया जाता है।
आशीष मिश्रा को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। इधर केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि उनके बेटे की तबीयत ठीक नहीं है और वह कल अपना बयान दर्ज कराएंगे। मामले में याचिकाकर्ता वकील शिव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि शीर्ष अदालत की टिप्पणियों की बहुत आवश्यकता थी। यूपी सरकार को आरोपियों को समन भेजने में इतना समय लगा। मुझे उम्मीद है कि अदालत के निर्देश उन्हें अपना रास्ता बदल देंगे।