भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लंबे समय के अंतराल के बाद आखिरकार मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल (Modi Cabinet Expansion) का विस्तार हो ही गया। मोदी केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद एक बार फिर से विवाद गर्मा गया है। दरअसल चाचा पशुपतिनाथ पारस को मंत्री बनाए जाने के बाद अब लोक जनशक्ति पार्टी (lok janshakti party) के चिराग पासवान (chirag paswan) ने मोदी सरकार और पशुपतिनाथ पारस (pashupati paras) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल लोकसभा में लोजपा (LJP) के संसदीय दल के नेता बनाने और उसके बाद फिर लोजपा के सांसद पशुपति पारस को मंत्री बनाए जाने के बाद चिराग पासवान ने दिल्ली हाईकोर्ट (delhi Highcourt) का दरवाजा खटखटाया है। चिराग पासवान ने पार्टी के संविधान की दुहाई देते हुए पशुपति पारस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस को निष्कासित किया जा चुका है। ऐसे में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना अनुचित है।
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दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधिकार का सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिसे चाहे अपनी पार्टी में जगह दे सकते हैं। इससे चिराग का कोई लेना देना नहीं है लेकिन जहां तक लोजपा का सवाल है पशुपति पारस लोजपा के सदस्य नहीं है और पार्टी को तोड़ने के कार्य को देखते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है जिसके बाद उन्हें लोजपा के गुट से मंत्री बनाया जाना अनुचित कार्य है। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में पशुपति पारस को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष फैसले पर पुनर्विचार की याचिका दायर की थी जो अभी भी विचाराधीन है।