नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। लंबे समय से मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की अटकलों पर विराम लगता नजर आ रहा है। संभवत: बुधवार को मोदी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में सिंधिया मंत्री पद की शपथ लेंगे। सिंधिया द्वारा प्रदेश के दौरे को अचानक रद्द कर दिल्ली (Delhi) जाने के फैसले से इस संभावना को बल मिला है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 3 दिनों से मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं और मालवा निमाड़ में वे लगातार कोरोना के कारण काल कवलित हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। मंगलवार को उनका देवास में कार्यक्रम है लेकिन अब उनके सारे कार्यक्रम निरस्त किए जा रहे हैं और वे इंदौर से दोपहर 3:30 की फ्लाइट से दिल्ली जाएंगे। संभावना जताई जा रही है कि सिंधिया को दिल्ली दरबार से बुलावा आ गया है और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है। इसके चलते ही उन्होंने अचानक अपना बाकी कार्यक्रम निरस्त कर दिया है और अब वे बुधवार को दिल्ली में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
2001 में अपने पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के असमय निधन के बाद राजनीतिक विरासत संभालने वाले ज्योतिरादित्य पहले भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं और इस दौरान मंत्री पद पर अपनी कार्यकुशलता और कार्यप्रणाली के चलते उन्होंने अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। इस बार भी उन्हें कोई महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है, इस बात की पूरी संभावना है। सिंधिया के साथ-साथ मध्य प्रदेश से राकेश सिंह और कैलाश विजयवर्गीय के नाम भी चर्चा में हैं। राकेश सिंह पांच बार के सांसद हैं और बीजेपी के मध्य प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही कैलाश विजयवर्गीय पिछले 6 साल से राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ बंगाल के प्रभारी भी रहे हैं और बंगाल में बीजेपी को फर्श से अर्श तक लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनकी इसी कुशल कार्यप्रणाली के चलते उन्हें भी मंत्री पद से नवाजे जाने की पूरी संभावना है।