इसके लिए यूजीसी ने जल्द ही विभिन्न पॉटर और हेल्पलाइन को मर्ज करके शिकायत दर्ज करने के लिए एकल पोर्टल की शुरुआत करें की तैयारी की है। इससे एक तरफ जहां छात्रों और गैर शिक्षक कर्मचारी सहित कर्मचारी की समस्या का समाधान त्वरित प्रक्रिया के तहत होगा। साथ ही यूजीसी उन संस्थानों पर निगरानी भी रख सकेगी, जो शिकायतों के समाधान में लगातार देरी कर रहे हैं।
यूजीसी के तहत नवीन एकल पोर्टल का नाम e-samadhan रखा जाएगा। यह 24 * 7 छात्रों सहित कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा। हितकारी अपनी शिकायत दर्ज कराने की पात्रता रखेंगे। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1800 1110 656 भी प्रदान किया जाएगा। शिकायत पोर्टल पर बोलते हुए यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि यूजीसी ने विभिन्न तंत्र तैयार की है। सिंगल विंडो सिस्टम की अनुपलब्धता के कारण हितग्राही को लगातार शिकायतों के समाधान में देरी का सामना करना पड़ा है।
जिसके निवारण यंत्र धीमी गति से काम करने की वजह से अगर इस प्रक्रिया अपनाई गई है। इसके लिए 1043 विश्वविद्यालय, 42343 कॉलेज और तीन लाख 85 करोड़ छात्र सहित 15 लाख से अधिक शिक्षकों को इस सिंगल विंडो सिस्टम प्रक्रिया से लाभ होगा और उनके समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
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यूजीसी प्रमुख ने कहा कि शिकायत संबंध निवारण प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। सिंगल विंडो सिस्टम में 10 दिन के भीतर छात्र संबंधी मुद्दों को हल किया जाएगा। साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुचित साधनों के उपयोग या अनुचित व्यवहार को भी रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा शिक्षण और प्रशिक्षण कर्मचारी से संबंधित शिकायतों का हल 15 दिन के भीतर और विश्वविद्यालय से संबंधित शिकायतों के लिए 20 दिन में शिकायतों का निराकरण अनिवार्य होगा।
इतना ही नहीं शिकायतों की समीक्षा ब्यूरो प्रमुख के अवसर पर दैनिक आधार पर की जाएगी जबकि यूजीसी के सचिव अध्यक्ष द्वारा साप्ताहिक आधार पर इसकी समीक्षा की जाएगी। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत छात्र शिकायत पोर्टल छात्रवृत्ति और फेलोशिप पोर्टल और पीजीपोर्टल जैसे मौजूदा प्लेटफार्म के साथ कोरोना हेल्पलाइन ,छात्रवृति हेल्पलाइन, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल हेल्पलाइन को भी सिंगल हेल्पलाइन सिस्टम में तब्दील किया जाएगा।