एमपी के किसानों के लिए अपडेट, अब 15 मार्च से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी, 175 रुपये मिलेगा बोनस, जानें पंजीयन की लास्ट डेट

किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने अब 15 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं उपार्जन करने का फैसला किया है। इस उपार्जन पर समर्थन मूल्य की राशि 19,400 करोड़ रूपये तथा बोनस की राशि 1400 करोड़ रूपये का किसानों को भुगतान किया जाना संभावित है।।

Pooja Khodani
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MP Wheat procurement 2025 : मध्य प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब 2600 रूपये के समर्थन मूल्य पर 1 नहीं बल्कि 15 मार्च से गेहूं उपार्जित किया जायेगा। जिन किसानों ने अबतक गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन नहीं करवाया है तो वे 31 मार्च 2025 तक करवा लें।अबतक 2 लाख 91 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवा लिया है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं नर्मदापुरम् में 01 मार्च से तथा शेष संभाग में 17 मार्च करने  के निर्णय में बदलाव करते हुए किसानों की मांग को पूरा करते हुए एक साथ 15 मार्च से ही खरीदी करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में गेहूं की फसल कटाई पूर्ण नहीं होने तथा मंडियों में आ रहे गेहूं में MSP उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित नमी के प्रतिशत से अधिक होने के कारण किसानों को असुविधा से बचाने यह निर्णय लिया गया है।

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2600रु प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी

रबी विपणन वर्ष 2025-26 में भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में 150 प्रति क्विंटल की वृद्धि करते हुए 2425 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, लेकिन मोहन सरकार ने समर्थन मूल्य 2425 रूपये के अतिरिक्त 175 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देने क फैसला किया है।अब राज्य के किसानों से 2600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जायेगी।

80 लाख टन गेहूं उपार्जन अनुमानित

इस साल प्रदेश में लगभग 80 लाख मे. टन गेहूं उपार्जन अनुमानित है। इस उपार्जन पर समर्थन मूल्य की राशि 19,400 करोड़ रूपये तथा बोनस की राशि 1400 करोड़ रूपये का किसानों को भुगतान किया जाना संभावित है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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