दरअसल पीएम मोदी के निर्देश के बाद इस प्रक्रिया में तेजी देखने की उम्मीद की जा रही है। पीएम मोदी ने सचिवों के साथ बैठक में कहा कि रोजगार (employment) को प्राथमिकता के तौर पर लिया जाए और रोजगार सृजन (employment generation) को गति दिया जाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। इस पर किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रालयों और विभागों में मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है। प्रधानमंत्री ने सचिवों के साथ बैठक में यह सवाल किया है। पीएम ने केंद्र सरकार के सचिवों को विनिर्माण (manufacturing) और रोजगार सृजन में तेजी लाने के लिए इसे निजी क्षेत्र (private sector) को हाथ में लेने का सुझाव दिया है। PM Modi ने इस बात पर भी जोर दिया कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सभी सरकारी हस्तक्षेपों का ध्यान रोजगार पर होना चाहिए।
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लगभग 70 मंत्रालयों में, विभागों और मंत्रालयों को इस समय 12,000 अधिकारियों को नियुक्त करना है। इनमें से करीब 4600-4700 पद खाली हैं। मामले से परिचित एक अधिकारी के अनुसार, कर्मियों को शामिल करने के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा भी 2017 से रोकी गई है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सचिवों को पत्र लिखकर PM Modi के सुझावों पर तत्काल कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया। PM Modi के सुझावों को जाहिर करते हुए राजीव गौबा ने लिखा कि विनिर्माण (manufacturing) और रोजगार सृजन (employment generation) को गति देने और भारतीय कंपनियों को वैश्विक बनने में मदद करने के लिए निजी क्षेत्र को हाथ में लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक विकास के लिए “फैसिलिटेटर” के रूप में कार्य करना चाहिए।
पत्र में कहा गया है ऐसे सभी प्रावधानों की समीक्षा किए जाने की जरूरत है और इन प्रावधानों को पर तरीके से नियम संशोधित करने के लिए कार्रवाई की जानी है। गौबा ने सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि रोजगार को “उच्च प्राथमिकता” दी जानी चाहिए। सभी मंत्रालय-विभाग को स्वीकृत पदों के खिलाफ मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। कैबिनेट सचिव गौबा ने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सरकारी हस्तक्षेप का फोकस होना चाहिए।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही राज्यसभा में रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर भी सवाल खड़े किए गए थे। जिसके बाद सामने आए जानकारी के मुताबिक कुल 5 से 7 हज़ार पदों को रिक्त बताया गया था। वहीं राज्यसभा में इस मामले में जानकारी देते हुए बताया गया था कि सबसे अधिक रिक्त पद रेलवे में है। इसके अलावा भी कई अन्य विभागों में रिक्त पदों की संख्या पर भी कई अहम सवाल पूछे गए थे। जिसके बाद पीएम के सचिवों को दिए इस निर्देश को राज्यसभा के प्रश्न काल से भी जोड़कर देखा जा रहा है।