आखिर क्या है Dating, जानिये डेटिंग और रिलेशनशिप में अंतर

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रेम, रिलेशनशिप, कंपेनियनशिप हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते हैं। इसी के साथ पिछले कुछ समय में डेटिंग (Dating) का कंसेप्ट भी तेज़ी से उभरा है। आजकल तो कई डेटिंग साइट्स या एप (Dating App sites) भी हैं जहां आप अपने मनमुताबिक पार्टनर तलाश सकते हैं। लेकिन क्या आपको डेटिंग का सही अर्थ पता है। आखिर प्रेम (Love), रिलेशनशिप (Relationship) और डेटिंग (Dating) में क्या अंतर है। आईये आज इसी बात को समझते हैं।

डेटिंग वो समय होता है जब शुरूआती मेलजोल के बाद दो व्यक्ति आगे बढ़ते हैं और एक दूसरे को जानते हैं। ये दोस्ती से आगे का और रिलेशनशिप से पहले का पड़ाव है। इस दौरान दोनों पार्टनर इमोशनली या सेक्सुअली एक दूसरे से जुड़ सकते हैं। लेकिन यहां कोई विशेष कमिटमेंट नहीं होता है। डेटिंग लंबे समय तक भी टिक सकती है और थोड़े समय के  लिए भी हो सकती है। दो लोग एक दूसरे के साथ घूमते हैं, समय व्यतीत करते हैं, मेक आउट करते हैं, दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता है तो इसे डेटिंग कहा जा सकता है। डेटिंग में किसी से साथ टाइम स्पेंड करना और फील गुड करना शामिल होता है। लेकिन जरूरी नहीं कि डेटिंग के दौरान आप सीरियस ही हों…ये फन या इन्जॉयमेंट के लिए भी हो सकती है। अगर दोनों पार्टनर को लगे कि आपस में उनकी कंपेटिबिलिटी अच्छी है तो वो इसे आगे भी ले जा सकते हैं।

जब हम किसी व्यक्ति से जुड़ते हैं और उसके प्रति किसी भी प्रकार के मोह की भावना पैदा होती है तो इसके लिए ब्रेन में कोनकोक्शन केमिकल जिम्मेदार होता है। अट्रेक्शन या मोह पैदा होते समय दिमाग में बहुत सारे केमिकल रिलीज होते हैं, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर्स के तौर पर जाना जाता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डोपामाइन, नॉरपेनेफ्रिन और ऑक्सीटोसिन केमिकल्स रिलेशनशिप में यूफोरिया फीलिंग के लिए जिम्मेदार होते हैं। डोपामाइन रिलीज से हमारे दिमाग में आनंद की अनुभूति होती है और नॉरपेनेफ्रिन इस फीलिंग को बढ़ाता है।

डेटिंग से आगे की स्थिति है रिलेशनशिप। अगर किसी को डेट करने के बाद दोनों पक्षों को भावनात्मक जुड़ाव महसूस हो और वो इसे नेक्स्ट स्टेज तक ले जाना चाहें तो ये रिलेशनशिप होगी। इस दौरान दोनों एक कमिटेड रिश्ते में बंध जाएंगे। आजकल रिलेशनशिप में आने के बाद कई कपल्स लिव इन में भी रहते हैं। रिलेशनशिप डेटिंग से आगे का गंभीर संबंध है, जहां दोनों एक दूसरे से जुड़े होते हैं। यहां दिल का जुड़ाव होता है और मजबूत इमोशनल बॉन्डिंग होती है।

इससे बहुत अलग स्थिति है प्रेम की। प्रेम की कोई एक तय या लिखित परिभाषा नहीं हो सकती। इसे लेकर हर व्यक्ति का अनुभव अलग अलग होता है। लेकिन प्रेम वो स्थिति है जहां हम अपने से ऊपर अपने पार्टनर को रखते हैं। प्रेम में गिरफ्तार दो लोग अपना हर सुख दुख बांटते हैं और एक दूसरे के लिए पूरी तरह समर्पित रहते हैं। प्रेम को लेकर दुनियाभर में हजारों लाखों कविताएं लिखी गई हैं, कहानियां बनी है। लोगों ने इसे अपनी तरह से जिया है और लगभग सभी का मानना है कि ये एक अद्भुत भाव होता है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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