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Mon, Dec 8, 2025

एक्शन में गुजरात पुलिस, 719 करोड़ रूपये की साइबर ठगी का भंडाभोड़, 10 आरोपी गिरफ्तार

गुजरात साइबर क्राइम सेल को बड़ी सफलता मिली है। साइबर ठगी से जुड़े 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 700 रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है। आगे की जांच जारी है। 
एक्शन में गुजरात पुलिस, 719 करोड़ रूपये की साइबर ठगी का भंडाभोड़, 10 आरोपी गिरफ्तार

गुजरात पुलिस (Gujarat Cyber Crime Cell) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का खुलासा किया है। इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर नकली इन्वेस्टमेंट स्कीम, यूपीआई, पार्ट टाइम जॉब इत्यादि के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप है। 719 करोड़ रुपये के इस रैकेट में एक बैंक कर्मचारी को भी आरोपी पाया गया है। इस  बात की जानकारी गांधीनगर के स्टेट साइबर सेल गांधीनगर के एसपी राजदीप सिंह जाला ने सोमवार को दी है।

एसपी राजदीप सिंह जाला बताया कि साइबर क्राइम सेल टीम ने भावनगर में खास अकाउंट पर ऑपरेशन किया। जिसमें एक ही गैंग के 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसका इस फ्रॉड में एक बैंक कर्मचारी भी शामिल है। इस गैंग ने गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों में लोगों के साथ स्कैम किया। गैंग का लीडर दिव्या राज सिंह जाला है, जो दुबई में बैठक अपराधियों को गाइड करता है।

एक ही बैंक से हो रहे थे ट्रांजेक्शन 

राजदीप सिंह जाला के मुताबिक भावनगर में स्थित इंडसइंड बैंक के ब्रांच में के 100 म्यूल अकाउंट खोले गए। सभी कैश और चेक विड्रोल इसी बैंक रहे हो रहे थे। जिसकी जांच की गई। पता चला कि नगदी और क्रिप्टोकरंसी के बदले में दुबई और चीनी में बैठे साइबर अपराधियों को फ्रॉड के पैसे भेजे जाते थे।

अब तक 26 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में 1594 साइबर धोखाधड़ी में यह गिरोह शामिल था। जिसमें महाराष्ट्र में 300, कर्नाटक में 194, तेलंगाना में 128, पश्चिम बंगाल में 60, दिल्ली में 74, उत्तर प्रदेश में 88, तमिलनाडु में 203 और राजस्थान में 42 मामले देखे गए। छापेमारी के दौरान 30 से अधिक क्रिप्टो वॉलेट और 14 मोबाइल फोन भी जप्त किए गए हैं।

10 दिन पहले दर्ज हुआ था मामला

10 दिन पहले गुजरात साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में एक मामला दर्ज किया गया था।  जिसमें साइबर क्रिमिनल ने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के बहाने पीड़ित के 26 करोड़ रूपये उड़ा लिए थे। शुरुआत में उसे 500 डॉलर के डिपाजिट का फायदा हुआ था। आरोपियों ने कथित तौर पर पीड़ित  को और इन्वेस्टमेंट करने के लिए फसाने के लिए एजेंट को रिश्वत दी। इस मामले की जांच के बाद 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गुजरात साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पीड़ित के चार करोड़ रूपए बचाने में कामयाब रही।