ग्वालियर| सिविल अस्पताल हजीरा में भर्ती अपने पिता को डिस्चार्ज कराने गए आरक्षक बेटे और डॉक्टर के बीच के विवाद हो गया दोनों पक्ष एक-दूसरे पर मारपीट किये जाने का आरोप लगा रहे हैं। घटना के बाद से डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है। उधर मारपीट बचकर आरक्षक थाने पहुंचा । सूचना कलेक्टर तक पहुंची । विवाद की सूचना मिलने पर पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी अस्पताल पहुच गए हैं और पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार मुरार थाने में पदस्थ अशोक कुमार ने दो दिन पहले अपने पिता भरोसी लाल को उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर हजीरा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। आज अशोक उनको डिस्चार्ज करा रहा था, तभी दवा लिखने को लेकर उसका डॉक्टर वीरपाल सिंह यादव से विवाद हो गया। अशोक का आरोप है कि उसने डॉक्टर वीरपाल से पिता के लिए ताकत की दवाई लिखने को कहा था, लेकिन डॉक्टर ने मना कर दिया और अपनी निजी क्लिनिक पर आने को कहा। जब उसने अपना मोबाइल निकालकर डॉक्टर की बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग करना चाही तो डॉक्टर ने पहले उसका मोबाईल छीनकर तोड़ दिया फिर अपने साथियों के साथ मारपीट कर दी। अशोक जैसे-तैसे जान बचाकर ग्वालियर थाने पहुंचा । अशोक ने पूरे घटनाक्रम से थाना प्रभारी को अवगत कराया। अस्पताल में आरक्षक के साथ हुई मारपीट की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। उधर डॉक्टर वीरपाल सिंह यादव का कहना है कि अटेंडर ने उसके साथ महिला वार्ड में राउंड लगाने के दौरान विवाद किया और मारपीट की है। अटेंडर प्राइवेट दवा लिखने का दबाब बना रहा था।
उधर घटना के तुरंत बाद सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स ने अटेंडर अशोक पर डॉक्टर के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए काम बंद कर दिया। अस्पताल में डॉक्टर्स के काम बंद करने की सूचना प्रबंधन ने कलेक्टर अनुराग चौधरी को दे दी। कलेक्टर के निर्देश मिलने पर एसडीएम प्रदीप तोमर को सिविल अस्पताल मामले की जांच करने भेजा गया। इस मामले में अशोक की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे थाना प्रभारी केडी सिंह का कहना है प्रारम्भिक पड़ताल में सीसीटीवी फुटेज देखे गए हैं, जिनमें सिविल ड्रेस में आरक्षक अशोक भागता हुआ नजर आ रहा है, जो जांच का विषय है। फिलहाल पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अस्पताल पहुंचने के बाद हंगामा शांत हो गया है हालाँकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि वे पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहे हैं।