MP Breaking News

Welcome

Sun, Dec 7, 2025

क्या केवल ओवर स्पीडिंग ने ली युवाओं की जान! पुलिस पर संलिप्तिता का आरोप, आखिर जांच करने में क्या हर्ज़

Written by:Atul Saxena
गैरकानूनी तरीके से सडक पर दौड़ रहे ओवर लोड वाहनों को रोकने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, खनिज विभाग के अलावा राजमार्ग विभाग के अधिकारियों पर भी होती है लेकिन ये सब आँख बंद किये नहीं होते तो आज पांचों युवाओं की जान नहीं जाती।
क्या केवल ओवर स्पीडिंग ने ली युवाओं की जान! पुलिस पर संलिप्तिता का आरोप, आखिर जांच करने में क्या हर्ज़

ग्वालियर जिले में कल रविवार की सुबह एक सड़क दुर्घटना में पांच दोस्तों की जान चली गई, घटना सिरोल थाना क्षेत्र के सिकरौदा हाइवे का है, सभी दोस्त फॉर्च्यूनर गाड़ी से पार्टी कर लौट रहे थे, सुबह का करीब 6 बजे का समय था, कार तेज रफ़्तार में थी और रेत से भरी ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉली में पीछे से घुस गई, सभी दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई, शवों को बमुश्किल कार से निकाला जा सका,शुरूआती जाँच में ओवर स्पीडिंग को घटना का जिम्मेदार बताया गया, कहा गया कि कार की रफ़्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा थी ….

इस दुर्घटना के बाद पुलिस ने औपचारिकतायें पूरी की और शवों पर परिजनों को सौंप दिया, पुलिस ने शुरूआती जाँच के लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद ली और जौरासी पर कार की टाइमिंग से लेकर 1.3 किलोमीटर दूर स्थित घटना स्थल की दूरी की टाइमिंग को मैच कर 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड निकाल ली और इसे दोषी ठहरा दिया लेकिन जो अन्य दूसरे सवाल चिल्ला रहे हैं शोर मचा रहे हैं उनको सुनने की कोशिश नहीं की, ये वो सवाल हैं जो आज पूरा शहर पूछ रहा है।

दरअसल रेत से भरी ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉली से इस तरह की दुर्घटना ग्वालियर के लिए कोई नई बात नहीं है, ग्वालियर चम्बल के रेत माफिया की दबंगई पूरा देश आज से कई बरस पहले मुरैना में देख चुका है जब एक IPS अधिकारी के ऊपर रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली चढ़ा दी गई थी, उसके बाद कई और ऐसे मामले हुए जब अधिकारी को या तो जान से हाथ धोना पड़ा या दुर्घटना के जख्म झेलने पड़े, कल की दुर्घटना के खबर के बीच पुराने हादसों का जिक्र यहाँ इसलिए किया जा रहा है कि इसमें एक फेक्टर कॉमन है वो है रेत से भरी ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉली जिसपर किसी का अंकुश  नहीं है या फिर यूँ कहें कोई अंकुश लगाना नहीं चाहता।

रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली कोई रोकता क्यों नहीं 

रविवार को पांच दोस्त 20 साल का अभिमन्यु उर्फ़ चुनमुन तोमर, 23 साल का शिवम, 24 साल का कौशल उर्फ़ केडी भदौरिया, 24 साल का राम उर्फ़ आदित्य सिंह तोमर और 25 साल का क्षितिज उर्फ़ प्रिंस अपनी जान इसी रेत से भरी ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराकर गंवा गए, अब सवाल ये है कि नियम विरुद्ध दौड़ती, कानून का खुलेआम उल्लंघन करते ये वाहन आखिर बीच सड़क पर दौड़ते कैसे हैं ? कोई इन्हें रोकता क्यों नहीं हैं ? क्या पुलिस विभाग, क्या खनिज विभाग या किसी वरिष्ठ प्रशासनिक अथवा पुलिस अधिकारियों को ये दिखाई नहीं देते, आखिर इन सबकी आँखों से ये छिपे कैसे रहते हैं?

घूसखोरी की दम पर दौड़ रहे सड़कों वाहन 

इसका जवाब रेत की ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉली चलाने वाले खुद बताते हैं, अवैध रेत का धंधा करने वाले कैसे अपना कारोबार चलाते हैं, उन्हें पुलिस को किस किस पॉइंट पर एंट्री के नाम पर रिश्वत देनी पड़ती है ये पूरी व्यवस्था बनी हुई है, इस धंधे से जुड़े लोगों ने जो बाईट में खुलकर बात कही है वो ये बताता है कि उनको भी किसी का खौफ नहीं है क्योंकि वो पैसा देकर व्यापार कर रहे हैं तो उन्हें कौन रोकेगा, लेकिन इनकी बातें ये सोचने पर जरुर मजबूर करती हैं कि कैसे रिश्वत की आड़ में चलती फिरती मौत सड़क पर दौड़ती है जो कब किसको अपनी चपेट में ले ले कह नहीं सकते।

प्रशासन की संयुक्त टीम ने पकड़े ओवर लोड वाहन 

हमेशा की तरह इस बार भी रविवार कोई हुई दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन, पुलिस, खनिज विभाग सहित अन्य विभागों की संयुक्त टीम निरीक्षण पर निकली और 20 से अधिक ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉलियों को पकड़ लिया और थाने में रखवा दिया। खास बात ये है कि इसमें वो वाहन भी शामिल हैं जो रॉयलटी भरकर रेत परिवहन कर रहे थे लेकिन मामला गरम है तो ये भी पकड़ में आ गए , अब रॉयलटी भरकर रेत परिवहन  कर रहे वाहनों को पकड़ने के पीछे पुलिस अधिकारी अपना तर्क दे रहे हैं।

बहरहाल पांच युवाओं की जान चली गई और इसके लिए गाड़ी की ओवर स्पीड को दोषी बता दिया गया और ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉली की गलती को क्लीनचिट दे गई , वजह साफ़ है गैरकानूनी तरीके से, घूसखोरी की दम पर सड़क पर दौड़ रहे इन बेख़ौफ़ वाहनों को पुलिस, खनिज विभाग परिवहन विभाग और संबंधित अन्य विभागों का संरक्षण प्राप्त है तो इनके खिलाफ एक्शन लेने की हिम्मत कौन कर सकता है।