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Sun, Dec 7, 2025

सफाई संरक्षक से मांगी 1 लाख रुपये रिश्वत, नगर निगम कर्मचारी को 25000 लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा

Written by:Atul Saxena
मेरी अनुकंपा नियुक्ति के लिए भी पैसे मांग रहा था लेकिन मैंने नहीं दिए क्योंकि नौकरी तो सरकार देती है, लेकिन इसके बाद उसने पिता को मिलने वाली पूरी राशि रोक दी। 
सफाई संरक्षक से मांगी 1 लाख रुपये रिश्वत, नगर निगम कर्मचारी को 25000 लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा

लोकायुक्त संगठन द्वारा लगातार रिश्वतखोरों को रंगे हाथ पकड़ा जा रहा है, इसी क्रम में आज बुधवार शाम लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की टीम ने नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ प्रभारी कार्यालय अधीक्षक राजेश सक्सेना को 25000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आरोपी कर्मचारी एक महिला सफाई संरक्षक से उसके पिता की मृत्यु के बाद मिलने वाली राशि जारी करने के बदले 1 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिसअधीक्षक निरंजन शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम ग्वालियर के वार्ड क्रमांक 58 जोन क्रमांक 13 में पदस्थ सफाई संरक्षक श्रीमती वर्षा घेंघट ने एक शिकायती आवेदन उनके कार्यालय में दिया था जिसमें स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी कार्यालय अधीक्षक राजेश सक्सेना पर रिश्वत मांगने के आरोप थे।

25000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा  

शिकायत में आवेदिका द्वारा लगाये गए आरोपों की सत्यता की जाँच कराई गई और रिश्वत मांगने का प्रमाण मिलने के बाद आज 8 अक्टूबर को ट्रैप दल बनाकर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय पर भेजा, लोकायुक्त की टीम बाहर छिप गई और सफाई संरक्षक वर्षा को 25000 रुपये के साथ अन्दर भेजा, उसने जैसे ही रिश्वत की राशि राजेश सक्सेना को दी लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया।

कर्मचारी की मृत्यु के बाद मिलने वाली राशि जारी करने मांगी रिश्वत 

शिकायत में आवेदिका सफाई संरक्षक वर्षा ने बताया कि राजेश सक्सेना हमें बहुत साल से परेशान कर रहा था, मेरे पिता की मृत्यु के बाद मेरी माँ को मिलने वाली पेंशन के लिए पहले उसने 30000 रुपये रिश्वत में लिए थे, मेरी अनुकंपा नियुक्ति के लिए भी पैसे मांग रहा था लेकिन मैंने नहीं दिए क्योंकि नौकरी तो सरकार देती है, लेकिन इसके बाद उसने पिता को मिलने वाली पूरी राशि रोक दी।

 1 लाख रुपये की मांग की थी 

वर्षा ने कहा वो चक्कर लगाकर थक चुकी लेकिन मेरे पिता को कितना पैसा मिलना है ये तक राजेश सक्सेना ने नहीं बताया फाइल भी नहीं दिखाई, जैसे तैसे मुझे अनुकंपा नियुक्ति मिल गई लेकिन ये पिता के पैसे जारी करने के बदले 1 लाख रुपये मांग रहा था जिसकी शिकायत मैंने की थी और पुलिस ने 25000 रुपये के साथ इसे पकड़ लिया।