भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संतोष वर्मा के एक बयान (IAS officer Santosh Verma controversial statement) ने ब्राह्मण समाज को आक्रोशित कर दिया है, 23 नवम्बर को अजाक्स कार्यालय में आयोजित कार्यालय में उन्होंने ब्राह्मण बेटियों को लेकर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की और उन्हें दान की वस्तु कहकर संबोधित किया जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है और पूरे प्रदेश में पुलिस थानों में शिकायती आवेदन दिए गए हैं और एफआईआर की मांग की गई है।
अजाक्स के प्रदेश अध्यक्ष IAS संतोष वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे कहते सुनाई दे रहे हैं कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान में नहीं देता या उससे सम्बन्ध नहीं बनता तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए, वर्मा के इस बयान पर ब्राह्मण समाज में भारी आक्रोश है, भोपाल, ग्वालियर से लेकर प्रदेश के कई पुलिस थानों में वर्मा के खिलाफ शिकायती आवेदन दिए गए हैं और उन्हें पद से हटाने और एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
पुलिस थानों पर ब्राह्मण समाज ने दिए शिकायती आवेदन, FIR की मांग
ब्राह्मण समाज ने ग्वालियर जिले के मुरार और डबरा पुलिस थानों में शिकायती आवेदन दिए जिसमें IAS वर्मा एक बयान को ना सिर्फ घोर आपतिजनक बताया गया वहीं एक महिला की एक बेटी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया , डबरा में सनाढ्य सभा के सचिव राजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में समाज के लोगों ने शिकायती आवेदन दिया जिसमें एडवोकेट अनिल मिश्रा सहित समाज के कई सभ्रांत नागरिक मौजूद थे।
पुलिस ने शिकायत को भोपाल भेजा
एडवोकेट अनिल मिश्रा ने कहा कि जब मेरे ऊपर अलग अलग राज्यों में एफआईआर हो सकती है तो संतोष वर्मा पर क्यों नहीं हो सकती, एसडीओपी सौरभ कुमार ने ब्राह्मण समाज के लोगों की नाराजगी को सुनने के बाद कहा कि IAS पर एफआईआर के लिए एक प्रोसीजर फ़ॉलो करना होता है हमें उसके तहत थ्रू प्रॉपर चैनल शिकायत को भोपाल भेज दिया है।
संतोष वर्मा को पद से हटाने की मांग
उधर मुरार पुलिस थाने में सवर्ण समाज, ब्राह्मण समाज ने अमित दुबे, एडवोकेट अनिल मिश्रा के साथ इकट्ठा होकर शिकायती आवेदन दिया और संतोष वर्मा को पद से हटाने की मांग की वहीं भोपाल में एमपी नगर थाने पर ब्राह्मण समाज ने महिलाओं के नेतृत्व में प्रदर्शन किया और संतोष वर्मा को बर्खास्त करने की मांग की।
अतुल सक्सेना के साथ अरुण रजक की रिपोर्ट





