ब्राह्मण बेटी को लेकर की गई अमर्यादित बयानबाजी करने वाले आईएएस संतोष वर्मा (IAS Santosh Verma) के खिलाफ पूरे प्रदेश में ब्राह्मण समाज आक्रोशित है, समाज ने प्रदेश के अलग अलग पुलिस थानों में शिकायती आवेदन देकर एफ आई आर की मांग की लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई एफ आई आर दर्ज नहीं की है, अब ब्राह्मण समाज इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा बना रहा है।
ब्राह्मण समाज के नेता एवं हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ग्वालियर के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा ने आईएएस संतोष वर्मा पर तमाम शिकायतों के बाद भी अभी तक एक भी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर आश्चर्य जताया है, उन्होंने सरकार पर इसे लेकर सवाल उठाए हैं।
मीडिया से बात करते हुए एडवोकेट अनिल मिश्रा ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक अधिकारी जातिवादी सोच रखते हुए एक समाज विशेष की बेटी के लिए ऐसे विचार रखता है ये नया सिर्फ अमर्यादित है बल्कि ये आपराधिक भी हैं। ये उसकी मानसिकता को भी दर्शाता है कि वो दूसरे समाज की बहन बेटियों के लिए क्या विचार रखता है।
IAS संतोष वर्मा पर तुरंत FIR करने की मांग
अनिल मिश्रा ने कहा हमारी सरकार से मांग है कि आई ए एस संतोष वर्मा के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कर उसके खिलाफ एक्शन लें वरना ब्राह्मण समाज अब राष्ट्रीय स्तर पर इस आंदोलन को लेकर जाएगा, हमने इसके लिए रूपरेखा बनानी शुरू कर दी है।
धर्मांतरण पर उठाए सवाल
अनिल मिश्रा ने धर्मांतरण को लेकर भी सवाल उठाए उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी धर्मांतरण की घटनाएं हो रही हैं लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है , उन्होंने कहा कि धर्मांतरण का उद्देश्य इस देश को सनातन विहीन करना है हम चाहते हैं सरकार इसपर ठोस एक्शन ले जिससे हमारा देश हिन्दू राष्ट्र बना रहे।
एट्रोसिटी एक्ट खत्म करने की मांग
एडवोकेट अनिल मिश्रा ने एट्रोसिटी एक्ट खत्म करने की मांग की उन्होंने कहा ये कानून जाति के आधार पर है उससे समाज में वैमनस्यता बढ़ रही है, समरसता दूर हो रही है। एडवोकेट मिश्रा ने संविधान को लेकर भी सवाल किए उन्होंने कहा कि संविधान में कहीं भी जाति के आधार पर आरक्षण की बात नहीं है ये तो सरकारों ने वोट बैंक के लिए सब किया है , सरकार ने इसके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी किए हैं, उन्होंने कहा हम चाहते हैं आरक्षण खत्म नहीं हो लेकिन जीसे इसकी जरूरत है उसे मिले फिर चाहे वो किसी भी समाज से हो, इसलिए आरक्षण आर्थिक आधार पर हो नया कि जाति के आधार पर हो।
अतुल सक्सेना की रिपोर्ट





