ग्वालियर। अंचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जयारोग्य अस्पताल समूह में सफाई व्यवस्था सहित और अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वो स्वयं किसी अधिकारी को लेकर औचक निरीक्षण करें । हाईकोर्ट के आदेश के बाद JAH प्रबंधन हरकत में आया और उसने आज से ही युद्धस्तर पर सफाई शुरू कर दी है। खास बात ये है कि इस दौरान अस्पताल प्रबंधन भर्ती मरीजों की चिंता किये बिना ही उनकी मौजूदगी में ही सफाई में जुटा है।
दरअसल शहर की नागरिक कामिनी सिंह ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में जयारोग्य अस्पताल समूह के अस्पतालों में सफाई व्यवस्था सहित अन्य कई अव्यवस्थाओं को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है। जिसके जवाब में अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में फोटो सहित जवाब पेश किया जिसकी सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने आपत्ति जताते हुए कोर्ट से कहा कि जो फोटो अस्पताल प्रबंधन ने कोर्ट में प्रस्तुत किये हैं वो इसी परिसर में बन रहे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के उस हिस्से के हैं जो अभी शुरू भी नहीं हुआ है । यहीं बने नव निर्मित टॉयलेट्स के फोटो भी पेश कर ये बताया गया कि अस्पताल के टॉयलेट्स साफ़ रहते हैं जबकि हालात इसके विपरीत हैं। इस तरह जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन कोर्ट को गुमराह कर रहा है। आरोपों को सुनने के बाद कोर्ट ने प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि वे किसी अधिकारी को साथ लेकर अस्पताल का औचक निरीक्षण करें । डिविजन बैंच ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि ये निरीक्षण उस समय किया जाये जब मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा रहती हो। उसके बाद इसकी रिपोर्ट पेश की जाए।
मरीजों की मौजूदगी में ही प्रबंधन ने शुरू की साफ़ सफाई
हाईकोर्ट के आदेश के बाद डरे अस्पताल प्रबंधन ने सफाई पर काम शुरू कर दिया। जिस कम्पनी के पास सफाई का ठेका है उसे अस्पताल अधीक्षक ने तत्काल व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दे दिए। आज से अस्पताल में युद्ध स्तर पर सफाई शुरू हो गई । इस दौरान जिम्मेदार अधिकारी अपनी मौजूदगी में ही टॉयलेट्स और अस्पताल की गैलरी और परिसर साफ़ करा रहे हैं। इतना ही नहीं वार्ड के अन्दर रंग रोगन शुरू हो गया है। बड़ी बात ये है कि जिस संवेदनशील डेंगू वार्ड में मरीज भर्ती है वहीं उनकी मौजूदगी में मरीजों के पलंग के पास खड़े होकर कलर करने वाले मजदूर पुताई कर रहे हैं। इससे मरीजों की कितनी परेशानी हो रही है ये समझा जा सकता है। लेकिन इतना तय है कि हाईकोर्ट का डर और फटकार अस्पताल परिसर की शक्लोसूरत बदल रहा है जिसका। लाभ यहाँ आने वाले मरीजों को मिलेगा।