मीसाबंदी बोले सम्मान निधि रोकना कमलनाथ सरकार का “डेथ वारंट”

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ग्वालियर।  ग्वालियर चम्बल संभाग के मीसाबंदियों यानि लोकतंत्र सैनानियों ने  प्रदेश के मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए उन्हें आपातकाल का शिल्पकार बताया और सम्मान निधि पर रोक लगाने के आदेश को  तुगलकी फरमान, अलोकतांत्रिक एवं अवैधानिक बताया । ग्वालियर में महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि के सामने मैदान में मीसाबंदियों ने गुरुवार को धरना दिया । धरने में बहुत से मीसाबंदियों की विधवाएं भी शामिल हुई।

लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय सयुंक्त सचिव मदन बाथम ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के चित्र पर माल्यार्पण कर धरने का शुभारंभ किया ।अध्यक्षता शिक्षाविद जगदीश तोमर, संचालन मोहन विटवेकर तथा ज्ञानप्रकाश गर्ग ने आभार व्यक्त किया.लोकतंत्र सेनानी पूरे समय जोशखरोश के साथ कमलनाथ सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे।  वक्ताओं ने जहाँ एक ओर आपातकाल में हुयी लोकतंत्र की हत्या के बारे में विस्तार से बताया, वहीं दूसरी ओर लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान जेलों में बिताये पलों को शेयर किया। लोकतंत्र सैनानियों ने कहा कि कमलनाथ अभी विधानसभा के सदस्य नहीं हैं।  6 माह में उनको विधानसभा का चुनाव लड़कर जीतना जरूरी है।  इस मौके पर उपचुनाव में कमलनाथ को सबक सिखाने का लोकतंत्र सेनानियों ने संकल्प लिया।


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