अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए ये अच्छी खबर है, यदि वे स्वयं का उद्यम स्थापित करना चाहते हैं तो सरकार द्वारा संचालित भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना एवं टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। ग्वालियर जिले के अनुसूचित जाति के युवाओं से इन योजनाओं के तहत 30 दिसम्बर तक आवेदन माँगे गए हैं।
मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन पत्र ऑनलाइन पोर्टल samast.mponline.gov.in पर भरे जा सकते हैं। साथ ही इसकी हार्डकॉपी शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं शाखा प्रबंधक आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय में जमा करनी होगी।
भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के तहत एक से 50 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। सरकार द्वारा नियमित रूप से ऋण भुगतान की शर्त पर 5 प्रतिशत अथवा वास्तविक जो भी कम हो, की दर से 7 वर्षों तक ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही गारंटी फीस भी सरकार देती है। योजना के तहत जिले को पाँच इकाईयाँ स्थापित करने का लक्ष्य मिला है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक की आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य हो और परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक न हो।
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। जिसके लिये सरकार द्वारा पाँच वर्षों तक 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं गारंटी फीस दी जाती है। इस योजना के तहत जिले में 24 युवाओं को लाभान्वित कराने का लक्ष्य है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के मध्य हो और परिवार आयकरदाता न हो। टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 24 इकाईयों का लक्ष्य मिला है।
यहाँ से ले सकते हैं विस्तार से जानकारी
अनुसूचित जनजाति के जो युवा अपना स्वयं का उद्यम लगाने के लिए इन योजनाओं के माध्यम से आर्थिक मदद चाहते हैं वे इसकी विस्तृत जानकारी के लिए शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं शाखा प्रबंधक आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं ।





