मध्य प्रदेश के हरदा जिले में सिराली तहसील से कुछ किलोमीटर दूर मकड़ाई गांव बसा है। यह गांव अपने अनोखे किले के लिए जाना जाता है, जो सैकड़ों साल पुराना है। मकड़ाई किले की दीवारों पर समय की मार साफ दिखती है, लेकिन इसकी शान आज भी बरकरार है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह किला केवल सुरक्षा और शासन का प्रतीक नहीं था, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र था। आज भी यहां के त्योहार, मेले और लोककथाएं किले की ऐतिहासिक धरोहर को जीवित रखे हुए हैं।
अद्भुत काष्ठकला का नमूना
मकड़ाई मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है इसकी काष्ठकला। यहां की छत, दरवाजे और खिड़कियां पूरी तरह लकड़ी पर बारीक नक्काशी से सजाई गई हैं। यह कला उस दौर की है जब आधुनिक औजार नहीं थे, फिर भी कारीगरों ने इसे इतने बारीक तरीके से गढ़ा कि आज भी यह सुरक्षित और आकर्षक है।
धार्मिक महत्व और स्थानीय आस्था
स्थानीय लोगों के बीच मकड़ाई मंदिर को बेहद पवित्र माना जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु विशेष पर्वों और मेलों में बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। माना जाता है कि यहां की पूजा-अर्चना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए हर साल आसपास के जिलों और गांवों से भी लोग यहां आते हैं।
कैसे पहुंचें और कब जाएं
मकड़ाई मंदिर, हरदा जिला मुख्यालय से करीब 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। अगर आप इसे घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे बेहतर माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और मंदिर परिसर में घूमना सुखद अनुभव देता है।





