हरियाणा के सिरसा से पूर्व विधायक गोपाल कांडा के एक बयान ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। कांग्रेस ने इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है। वीडियो में कांडा यह कहते नजर आ रहे हैं, “अभय सिंह चौटाला ने गलती की या गोपाल कांडा ने गलती की, ये तो आप लोगों को ज्यादा मालूम है। रानिया की एक सीट भी खट्टर साहब की मेहरबानी से जीते… रानिया की एक सीट तो जितवाओ यार… कहीं ये भी कांग्रेस नहीं ले जाए।”
कांडा का विवादित बयान
गोपाल कांडा ने कहा, “ये गोविंद और गोपाल रानिया नहीं लगते तो शायद अभय सिंह चौटाला को एक भी सीट नहीं मिलती, बेटे वाली. आपको तो सारी बात पता है।” उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस ने भाजपा और इनेलो पर हमला बोला है।
कांग्रेस का हमला और हुड्डा का तंज
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांडा के बयान को लेकर भाजपा और इनेलो (INLD) पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, “गोपाल कांडा ने रहस्योद्घाटन किया है कि खट्टर साहब की मेहरबानी और बीजेपी+कांडा की मदद से अभय चौटाला के बेटे रानिया से विधायक बने।”
हुड्डा ने कहा, “इस बयान से बीजेपी और इनेलो द्वारा पर्दे के पीछे खेले जा रहे घिनौने राजनीतिक खेल का खुलासा हो गया है। मैं पहले ही कह रहा था कि इनेलो बीजेपी की पक्की कठपुतली है।”
गोपाल कांडा ने रहस्योद्घाटन किया कि खटटर साहब की मेहरबानी व भाजपा+कांडा की मदद से अभय चौटाला के बेटे रानियां से विधायक बने।
इस ब्यान से भाजपा और इनेलो द्वारा प्रदेश में पर्दे के पीछे खेले जा रहे घिनौने राजनैतिक खेल से पर्दा हट गया हैं।
मैं पहले से ही इस बात को लगातार कह रहा हूँ… pic.twitter.com/xemSTe9GIX— Deepender Singh Hooda (@DeependerSHooda) July 24, 2025
गुप्त समझौते का दावा
दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में इनेलो और भाजपा का तीन सीटों पर गुप्त समझौता था। उनके अनुसार, “एलेनाबाद, डबवाली और रानिया पर बीजेपी इनेलो उम्मीदवारों के साथ थी और बाकी सभी सीटों पर इनेलो भाजपा के पक्ष में थी। दोनों के निशाने पर केवल हुड्डा साहब और कांग्रेस थी।”
हरियाणा विधानसभा चुनाव का नतीजा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने दो सीटों पर जीत दर्ज की। डबवाली से आदित्य देवीलाल और रानिया से अर्जुन चौटाला विधायक बने। आदित्य ने कांग्रेस उम्मीदवार अमित सिहाग को 610 वोटों से हराया, जबकि रानिया में अर्जुन चौटाला ने कांग्रेस उम्मीदवार सर्व मित्र को 4,191 वोटों से मात दी। इन दोनों सीटों पर भाजपा चौथे स्थान पर रही। 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 48, कांग्रेस को 37 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 3 सीटें मिलीं। भाजपा को 39.94% और कांग्रेस को 39.09% वोट मिले।





