हरियाणा के नूंह जिले में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। जिले की साइबर थाना पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपितों के पास से पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और अन्य डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं। गिरफ्तार सभी आरोपितों को न्यायालय में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई तकनीकी जांच, खुफिया इनपुट और साइबर क्राइम पोर्टल की सहायता से की गई। यह ऑपरेशन साइबर अपराध पर सख्ती से कार्रवाई करने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है।
फर्जी क्यूआर कोड और ऐप्स से ठगी
पहले मामले में पुलिस को साइबर क्राइम पोर्टल से जानकारी मिली थी कि एक संदिग्ध मोबाइल नंबर ऑनलाइन ठगी में शामिल है। इस नंबर की ट्रैकिंग के बाद पुलिस ने आरोपी आकिल हुसैन पुत्र कमाल, निवासी पैमाखेड़ा (थाना पुन्हाना) को पुन्हाना-होडल रोड से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से एक मोबाइल, एक्टिव सिम और व्हाट्सएप बिजनेस अकाउंट मिला। मोबाइल की जांच के दौरान पुलिस को फर्जी क्यूआर कोड, नकली मैसेजिंग ऐप्स, फर्जी जीमेल आईडी और ऑनलाइन ठगी से संबंधित चैट मिले। पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने मुंबई के ओशिवारा थाने क्षेत्र में ₹9,000 की ऑनलाइन धोखाधड़ी की थी। इसके आधार पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया और उसे अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
सोशल मीडिया से ठगने वाला पकड़ा गया
दूसरे मामले में फिरोजपुर झिरका थाना क्षेत्र में पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम दोरखी निवासी तीन युवक तारीफ पुत्र सुलेमान, तालीम पुत्र आसु और सलीम पुत्र मुल्ली मिलकर फर्जी सिम कार्ड बेचते हैं और सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को ठगते हैं। पुलिस टीम ने मंडीखेड़ा के पास छापा मारकर तीनों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से सात मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 12 एटीएम कार्ड, पांच फर्जी सिम कार्ड और नकली फेसबुक आईडी बरामद की गईं। साथ ही, आरोपियों के मोबाइल में ‘पुराने सिक्के बेचने’ और ‘मेकअप स्टूडियो बुकिंग’ के नाम पर आम लोगों से ठगी की बातचीत भी मिली।
फर्जी पहचान से सोशल मीडिया अकाउंट
पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि आरोपित अपनी असली पहचान छिपाकर फर्जी फेसबुक और व्हाट्सएप अकाउंट बनाते थे। वे आम लोगों को महंगे सिक्के बेचने, बुकिंग कराने और नकली स्कीमों का झांसा देकर ठगते थे। यह गिरोह बड़ी चतुराई से लोगों का विश्वास जीतकर उन्हें ठगी का शिकार बनाता था। पूछताछ में सामने आया कि ये आरोपी फर्जी एक्टिवेटेड सिम कार्ड के जरिए अपनी पहचान छुपाकर डिजिटल माध्यम से ठगी करते थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
साइबर ठगी पर शिकंजा कसने में जुटी पुलिस
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि साइबर अपराध की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए नूंह पुलिस ने जिले में चल रहे साइबर अपराध के नेटवर्क पर सख्त निगरानी रखनी शुरू कर दी है। लोगों को भी साइबर जागरूकता के लिए समय-समय पर जानकारी दी जा रही है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से बातचीत या लेन-देन से पहले पूरी सतर्कता बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी पुलिस को दें। नूंह पुलिस की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ अब और कड़ी रणनीति अपनाई जा रही है। पुलिस का कहना है कि ऐसे अभियानों को लगातार जारी रखा जाएगा ताकि जिले में डिजिटल ठगी की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।





