Haryana Employees News : हरियाणा के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य की नायब सैनी सरकार ने बोर्ड-निगमों, सरकारी कंपनियों और स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों के हित में अहम फैसला लिया है। इसके तहत एक जनवरी 2006 के बाद सेवा में आए और नई पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले सभी कर्मचारियों को मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान (डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी) का लाभ मिलेगा पहले यह लाभ केवल राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों को मिलता था लेकिन अब बोर्ड-निगम और कंपनियों कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
इन कर्मचारियों को मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ
मुख्य सचिव और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी बोर्ड-निगमों, सरकारी कंपनियों और सहकारी संस्थाओं के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। निर्देश दिए गए हैं कि पात्र कर्मचारियों को यह लाभ निर्धारित नियमों के तहत उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। आदेश में वर्ष 2017 की वित्त विभाग की अधिसूचना का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि एनपीएस के अंतर्गत आने वाले राज्य सरकार के कर्मचारी उसी तरह रिटायरमेंट ग्रेच्युटी तथा डेथ ग्रेच्युटी प्राप्त करने के पात्र होंगे, जो सीएसआर वाल्यूम-2 के अंतर्गत कर्मचारियों को प्रदान किए जाते हैं।सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मामलों की पूरी जांच और सत्यापन के बाद ही रिटायरमेंट/डेथ ग्रेच्युटी प्रदान की जाए।
जानिए क्या होता है ग्रेच्युटी
- ग्रेच्युटी, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रिटायरमेंट पर दिया जाने वाला एक लाभ है। किसी भी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है।
- अपने पद से त्यागपत्र देने पर या सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद कर्मचारियों को ग्रेच्युटी आर्थिक सहायता के तौर पर दी जाती है।
- सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक सहायता मिलेगी, ताकि भविष्य में उन्हें किसी समस्या का सामना ना करना पड़े।
- पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत जिस भी कंपनी में 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं उसे अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना होता है।
- आमतौर पर यह पैसा तब मिलता है जब वो कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या फिर वह रिटायर होता है।
कंपनी में कार्य करते समय अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ग्रेच्युटी की रकम नॉमिनी को मिलती है। यहां 5 साल का नियम लागू नहीं होता है।






