हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. राज्य के मुख्यमंत्री राहत कोष से पंजाब और जम्मू कश्मीर को 5-5 करोड़ रुपये भेजने की घोषणा की गई है। ये राहत राशि उन लोगों की मदद के लिए दी जा रही है, जो दोनों राज्यों में आई भीषण बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सैनी ने सार्वजनिक बयान और दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों, भगवंत मान और ओमर अब्दुल्ला—को लिखे पत्र के माध्यम से यह सहायता दी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लिखा कि हरियाणा सरकार और जनता इस संकट की घड़ी में प्रभावित प्रदेशों के साथ मजबूती से खड़ी है। राहत राशि तत्काल बचाव और पुनर्वास कार्यों में मदद के लिए भेजी गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर हरियाणा और आगे भी सहायता के लिए तैयार रहेगा। उन्होंने आग्रह किया कि यदि बाकी राहत सामग्री या अन्य सहयोग की जरुरत हो, तो सीधे संवाद किया जाए, हरियाणा त्वरित मदद उपलब्ध कराने को तत्पर है।
केन्द्र का न्यायिक ध्यान
साथ ही, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बाढ़ मद में देरी या अनुपालन संबंधी किसी याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय का मानना था कि आपदा राहत से संबंधित कामों में न्यायिक हस्तक्षेप राज्य और केंद्र की तत्परता को पीछे कर सकता है। कोर्ट ने कहा—”उन्हें राहत अनुमति दी जाए”, यानी राहत कार्यों में बाधा न डाली जाए। मुख्यमंत्री सैनी का यह निर्णय—सरकारी मदद और सामाजिक भावनात्मक सहानुभूति दोनों का मेल है।
सहानुभूति की लहर
इस बीच, हरियाणा के कई खाप पंचायतों और कृषि संगठनों ने भी पंजाब को राहत सामग्री भेजने में सक्रिय भूमिका निभाते हुए सराहनीय योगदान दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि संकट के समय में गैर सांस्कृतिक सीमाओं तक जाते हुए आपसी मदद की भावना मजबूत है। इस कदम से स्पष्ट होता है कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आर्थिक सहायता की भावना केवल सरकारी सीमाओं तक नहीं, बल्कि स्थानीय समाजों और गांवों तक विस्तारित हो जाती है।





