हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो चुकी है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की एश्योर्ड करियर प्रमोशन में संशोधन की मांग पर अब हरियाणा सरकार ने बीच का रास्ता निकाल लिया है। डॉक्टरों ने हरियाणा सरकार के सामने 4 मांगे रखी थीं, जिन्हें सरकार ने मान लिया है। अब डॉक्टरों को आयुष्मान इंसेंटिव मिलेगा, जिसके लिए जल्द ही कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में सरकारी अधिकारियों के साथ संगठन का एक पदाधिकारी भी मौजूद रहेगा। डॉक्टरों को इसे लेकर सरकार की ओर से लिखित आश्वासन मिला है।
संगठन के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री आरती राणा के साथ गुरुवार देर रात एक बैठक हुई थी, जिसमें सरकार ने चार मुद्दों पर सहमति जताई है। यानी सरकार की ओर से डॉक्टरों की चारों मांगें मान ली गई हैं, जिसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की है। हड़ताल खत्म हो जाने से आज से सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से शुरू हो जाएंगी।
SMO की सीधी भर्ती पर रोक
डॉक्टरों ने चार मुद्दों पर सरकार के सामने अपना पक्ष रखा था। सबसे पहले SMO की सीधी भर्ती रोकने की मांग की गई थी, जिस पर सरकार राज़ी हो गई थी। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री की ओर से दी गई थी। सरकार ने SMO की सीधी भर्ती पर रोक लगा दी थी। यह निर्णय 5 दिसंबर को हुई बैठक में लिया गया था। अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद इसे लागू करने की बात कही गई। इसके अलावा आयुष्मान प्रोत्साहन योजना शुरू करने की बात कही गई है। इसकी रूपरेखा एक कमेटी द्वारा बनाई जाएगी। अन्य राज्य सरकारों की प्रोत्साहन योजनाओं और एनएचए द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर यह कमेटी जांच करेगी और एक महीने के अंदर सरकार को प्रस्ताव सौंपेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की तैनाती के मुद्दे पर भी सहमति बनी
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की तैनाती के मुद्दे पर भी सहमति बनी है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें समय पर एसीपी नहीं मिल पाता है। ऐसे में अब सरकार के साथ यह सहमति बनी है कि यदि सरकार नई भर्ती के चिकित्सा अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात नहीं करती है, तो शहरी स्वास्थ्य सुविधाओं में तैनाती के कारण उन्हें प्रथम एसीपी मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। अंतिम सहमति हड़ताल अवधि के वेतन को लेकर हुई है। डॉक्टरों को हड़ताल के दौरान का वेतन भी मिलेगा। डॉक्टरों की अनुपस्थिति को देय अवकाश माना जाएगा। हालांकि इसे लेकर सरकार की ओर से शर्त रखी गई है कि भविष्य में HCMS संगठन स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित नहीं करेगा।





