किसानों को हरियाणा सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ से किसानों के कर्ज के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत किसानों को कर्ज निपटान में समाधान मिल सकेगा। बता दें कि किसानों की PACS की तरफ से बकाया लोन की समस्या के समाधान के लिए एकमुश्त निपटान योजना लाने का प्रस्ताव रखा गया था। अब सरकार की ओर से यह योजना शुरू कर दी गई है। अगर किसान द्वारा PACS से लिया गया लोन की मूल राशि जमा करवाई जाती है, तो उनका पूरा बकाया ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
हरियाणा सरकार इस योजना के तहत प्रदेश के 6,81,182 किसानों का ब्याज माफ करने का विचार कर रही है। करीब 2266 करोड़ रुपए का ब्याज माफ करने की योजना है। इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ 2,25,000 अमृत किसानों के परिवार भी उठा सकेंगे। अगर वे अपनी बकाया मूल राशि जमा करवाते हैं, तो उन्हें भी 900 करोड़ रुपए की ब्याज राशि का लाभ मिलेगा।
31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी योजना
मुख्यमंत्री श्री @NayabSainiBJP ने आज किसानों के लिए एकमुश्त निपटान योजना (OTS) शुरू की।
इस योजना के अंतर्गत PACS से ऋण लेने वाले किसान अगर मूल ऋण राशि जमा करवाते हैं, तो उनका पूरा बकाया ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
इससे 6,81,182 किसानों/मजदूरों का ₹2,266 करोड़ का ब्याज माफ होगा। pic.twitter.com/GDLK5cbBNe
— CMO Haryana (@cmohry) December 10, 2025
बता दें कि इस योजना को लागू कर दिया गया है और यह 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पत्रकार वार्ता के दौरान इस योजना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भारी बारिश के कारण अगस्त–सितंबर के महीने में कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई थी। सरकार द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा भी लिया गया था। सरकार की ओर से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया था। सरकार द्वारा इन किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए 538.21 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि जारी कर दी गई है।
सबसे ज्यादा लाभ चरखी दादरी के किसानों को मिला
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि जो राशि जारी की गई है, उसमें बाजरे की फसल के लिए 35 करोड़ 39 लाख रुपए, धान के लिए 22 करोड़ 51 लाख, कपास के लिए 27 करोड़ 43 लाख, और ज्वार के लिए 14 करोड़ 10 लाख रुपए की राशि जारी की गई है। इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ चरखी दादरी के किसानों को मिला है। जिले को मुआवजे के रूप में 23 करोड़ 55 लाख रुपए की राशि जारी की गई है। इसके बाद हिसार और भिवानी आते हैं। हालांकि इसके लिए पहले वेरिफिकेशन किया गया था, जिसके बाद 53,821 किसानों का 1,2380 एकड़ कृषि क्षेत्र क्षतिग्रस्त पाया गया था।





