प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान जहां कूटनीतिक रिश्तों को नई दिशा देने की पहल हुई, वहीं दूसरी ओर भारत से गए 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सांस्कृतिक विरासत और आपसी संबंधों को मजबूती दी। इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनीं हरियाणा की बेटी मुस्कान भयाना ने अनुभव साझा किए और बताया कि चीन में भारतीयों को कितना विशेष सम्मान प्राप्त है।
सात दिन का सांस्कृतिक अनुभव
आईआईटी जोधपुर से एआई की पढ़ाई कर रहीं मुस्कान भयाना ने बताया कि 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 7 दिनों के लिए चीन गया था। इसमें विभिन्न राज्यों से चुने गए सदस्य शामिल थे। उत्तर भारत से मुस्कान और दिल्ली के वरुण चोपड़ा डॉ. डी. एन. कोटनीस एक्यूपंक्चर हॉस्पिटल की ओर से शामिल हुए। उन्होंने बताया कि चीन में भारतीयों को जितना सम्मान और आदर दिया जाता है, उसे देखकर गर्व होता है। इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव को और गहरा किया।
डॉ. कोटनीस और डॉ. बासु का योगदान
मुस्कान भयाना ने बताया कि चीन के कई प्रांतों में डॉ. द्वारकानाथ कोटनीस और डॉ. बासु के सम्मान में स्मारक हॉल बने हुए हैं। जापान के हमले के दौरान इन दोनों डॉक्टरों ने हजारों चीनी नागरिकों की जान बचाई थी। शांशी प्रांत, हेबेई और बीजिंग में आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिनिधिमंडल ने उनके योगदान को याद किया। चीनी लोग आज भी उन्हें भगवान का रूप मानते हैं और इसी वजह से भारतीयों को भी विशेष सम्मान मिलता है।
भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्य
भयाना ने कहा कि चीन की संस्कृति और पारिवारिक मूल्य भारत से काफी मेल खाते हैं। यात्रा के दौरान उन्हें, वरुण चोपड़ा और डॉ. कोटनीस के परिवार के सदस्य डॉ. मंगेश को पारंपरिक चीनी उपहारों से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उस समय केवल सम्राट को दिया जाता था, जिससे भारतीय प्रतिनिधिमंडल बेहद भावुक हो गया। उन्होंने कहा कि इस सम्मान से यह स्पष्ट होता है कि चीन में भारतीयों की अहमियत कितनी बड़ी है।
चीनी अधिकारियों से मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल को चीनी सरकार और सीपीएएफएफसी ने आमंत्रित किया था। यहां विदेश मंत्रालय के अधिकारियों समेत कई महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात हुई। बातचीत में चिकित्सा और मनोरंजन उद्योग जैसे क्षेत्रों पर खास चर्चा हुई। भयाना का मानना है कि इन साझा क्षेत्रों में सहयोग से भारत-चीन संबंध और गहरे होंगे। उन्होंने कहा कि धार्मिक संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों की समानता के कारण दोनों देश भविष्य में विश्व पटल पर अहम भूमिका निभा सकते हैं।





