झज्जर जिले की राधा स्वामी कॉलोनी के निवासियों ने शुक्रवार को नगर परिषद कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। मामला उस समय गरमा गया जब नगर परिषद द्वारा इस कॉलोनी को अवैध घोषित कर दिया गया। गुस्साए लोगों ने नगर परिषद अधिकारियों और नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस निर्णय को एक सुनियोजित साजिश करार दिया।
पहले वैध, अब अवैध क्यों?
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि करीब 21 महीने पहले झज्जर की 32 कॉलोनियों को सरकार ने वैध घोषित किया था, जिसमें राधा स्वामी कॉलोनी का नाम भी सूची में था। उनका आरोप है कि अब अचानक कॉलोनी को अवैध करार दिया जाना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने सरकार द्वारा तय मापदंडों को पूरा किया, फिर भी कॉलोनी को अवैध बताकर हजारों लोगों को बेघर करने की साजिश रची जा रही है।
महिलाओं की भावुक अपील
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। कई महिलाओं ने भावुक होकर प्रशासन से अपनी पीड़ा साझा की। एक महिला ने कहा कि- “हमने दिहाड़ी मजदूरी कर-कर के एक-एक ईंट जोड़ी है। अब सरकार कह रही है कि घर गिरा देंगे। हमारे लिए यह जीवन-मरण का सवाल है।” एक अन्य बुजुर्ग महिला ने रोते हुए कहा कि सरकार अगर घर नहीं बचा सकती तो उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दे। प्रदर्शन कर रहे कॉलोनीवासियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्द उनकी कॉलोनी को वैध घोषित नहीं किया गया, तो वे जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। लोगों ने कहा कि उनके घरों पर बुलडोजर चला तो वे पूरे परिवार के साथ नगर परिषद के सामने धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरह दिल्ली और गुरुग्राम में कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाया है, उसी तर्ज पर अब झज्जर को निशाना बनाया जा रहा है।
प्रशासन की चुप्पी पर बढ़ी नाराजगी
इस मामले में अब तक नगर परिषद या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे कॉलोनीवासियों में नाराजगी और बढ़ गई है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चुप्पी सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करती है। यदि प्रशासन पारदर्शिता से काम करता, तो पहले ही कॉलोनी की स्थिति स्पष्ट होती। लोगों का कहना है कि सरकार यदि कॉलोनी को वैध नहीं कर सकती तो उन्हें पुनर्वास की योजना दे। “ना घर, ना जमीन और ऊपर से अवैध का ठप्पा – ऐसे में हम जाएं तो कहां जाएं?” एक युवक ने सवाल उठाया। वहीं एक बुजुर्ग ने कहा, “हमने यहां वर्षों से बिजली-पानी के बिल दिए हैं, टैक्स भी भरा है, तो अब अचानक हम गैरकानूनी कैसे हो गए?”
राजनीतिक हस्तक्षेप की मांग
प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अगर चुने हुए प्रतिनिधि भी चुप हैं, तो जनता किससे न्याय की उम्मीद करे? उन्होंने कहा कि अगला चुनाव पास है और यदि उनकी कॉलोनी को वैध नहीं किया गया तो वे मतदान का बहिष्कार भी कर सकते हैं। राधा स्वामी कॉलोनी में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रदर्शन के बाद कॉलोनीवासियों की एक समिति गठित की गई है जो आगामी रणनीति तय करेगी। अगर प्रशासन की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया, तो धरना-प्रदर्शन को अनिश्चितकालीन आंदोलन में बदला जा सकता है। अब सबकी निगाहें सरकार और प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।





