शाहाबाद के बाढ़ प्रभावित इलाके पहुंचकर राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा और पंजाब की सरकारों पर कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि 17 कस्बे पानी में डूबे हैं, 35 से ज्यादा लोग बाढ़ और सांप के काटने से मर गए हैं, हजारों मकान और लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। इसके बावजूद दोनों राज्यों की सरकारें गायब हैं। सुरजेवाला ने कहा कि यह जनता की हिम्मत है कि वह अपनी मदद खुद कर रही है, क्योंकि सरकारें कहीं नजर नहीं आ रही हैं।
हरियाणा की सरकार है गुमशुदा
सुरजेवाला ने तंज कसते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री शाहाबाद क्यों आए थे। क्या सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए आए थे? उन्होंने पूछा कि क्या कभी फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक बुलाई गई, क्या ड्रेन और तटबंध की मरम्मत हुई, या पंप सेट और जेसीबी तैयार रखे गए? उन्होंने कहा कि केवल पोर्टल खोलने और हेलीकॉप्टर से सर्वे करने से घाव नहीं भरेंगे। उन्होंने साफ कहा, “जब मुख्यमंत्री ही कुछ नहीं कर रहे, तो अमित शाह क्या करेंगे? हरियाणा की सरकार गुमशुदा है।”
स्थायी समाधान के लिए बड़े प्रोजेक्ट जरूरी
सुरजेवाला ने बाढ़ पर स्थायी रोकथाम के लिए दादूपुर-नलवी प्रोजेक्ट और बीबीपुर लेक के निर्माण की जरूरत बताई। उन्होंने पानी की किल्लत झेल रहे महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और गुड़गांव में बड़े जलाशय बनाने की भी वकालत की। कांग्रेस नेता ने यह भी ऐलान किया कि सरकार बनने पर प्रभावित किसानों, गरीबों और एससी-बीसी परिवारों के बिजली और पानी के बिल माफ होंगे, बैंक लोन की रिकवरी रुकेगी और प्रभावित हर घर को 50 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा।
जनता अपने बूते बाढ़ से लड़ रही है
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा और पंजाब की सरकारों ने लोगों को राम भरोसे छोड़ दिया है। न एनडीआरएफ आई, न कोई आर्थिक मदद। जनता अपनी ताकत से बाढ़ से लड़ रही है। उन्होंने दिल्ली सरकार पर भी कटाक्ष किया कि उसने कोई राहत नहीं भेजी। न पैसे भेजे, न सेना भेजी और न किसी तरह का मुआवजा दिया गया।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों को किया जिम्मेदार
सुरजेवाला ने कहा कि दोनों राज्यों की सरकारों ने गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए तत्काल राहत और जलाशय निर्माण जैसी योजनाओं की आवश्यकता है। उन्होंने सरकारों से सवाल किया कि आखिर क्यों जनता को अपनी जान और संपत्ति की चिंता अकेले करनी पड़ रही है, जबकि राज्य की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि बाढ़ से सुरक्षित रहें।
सरकारों को चेतावनी और सुझाव
सुरजेवाला ने चेताया कि अगर तुरंत राहत और मुआवजा नहीं मिला, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में त्वरित आर्थिक मदद, राहत सामग्री और बुनियादी ढांचे की मरम्मत तत्काल शुरू करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्थायी समाधान के लिए बड़े जलाशय और प्रोजेक्ट्स पर काम करना अनिवार्य है, जिससे भविष्य में ऐसे हालात दोबारा न बने।





