हरियाणा सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के साथ मिलकर 1 अगस्त, 2025 को राज्य के पांच जिलों गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में अब तक का सबसे बड़ा मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रही है। इसे ‘अभ्यास सुरक्षा चक्र’ नाम दिया गया है, जो NCR क्षेत्र में पहली बार इस स्तर पर हो रहा है।
यह भूकंप और औद्योगिक रासायनिक आपदाओं जैसी संभावित खतरनाक स्थितियों के लिए तैयारियों की वास्तविक समय में परीक्षा का अवसर होगा। इस अभ्यास का आयोजन हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली के 18 जिलों में भी किया जाएगा, जिसमें भारतीय सेना के पश्चिमी कमान और दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय भी शामिल होंगे।
सायरन बजेगा सुबह 9 बजे
1 अगस्त की सुबह 9 बजे सभी चयनित जिलों में सायरन बजेगा, जो अभ्यास की शुरुआत का संकेत होगा। इसके साथ ही तत्काल निकासी प्रक्रिया शुरू होगी। मॉक ड्रिल के दौरान प्रत्येक जिले में पांच अलग-अलग स्थानों एक स्कूल, सरकारी भवन, आवासीय क्षेत्र, अस्पताल और औद्योगिक क्षेत्रमें लाइव सिमुलेशन किया जाएगा। यह सिमुलेशन पूरी तरह से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग के प्रशिक्षित कर्मियों की निगरानी और संचालन में होगा, जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
समन्वय और आपदा लचीलेपन पर फोकस
इस अभ्यास का उद्देश्य केवल आपातकालीन प्रतिक्रियाओं को परखना ही नहीं, बल्कि आपदा के समय प्रशासन, सैन्य बलों, स्थानीय निकायों और आम नागरिकों के बीच आपसी तालमेल को भी मजबूत करना है। हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस अभ्यास से राज्य की आपदा लचीलेपन क्षमता में काफी वृद्धि होगी। यह पूरे NCR क्षेत्र के लिए एक मॉडल अभ्यास साबित हो सकता है। इसके जरिए आपातकालीन सहायता कार्यों (ESF) को बेहतर बनाने और संसाधन अंतराल की पहचान करने पर जोर दिया जाएगा।
जागरूकता अभियान और टेबल टॉप एक्सरसाइज
इस अभ्यास की तैयारी 30 जुलाई को टेबल टॉप एक्सरसाइज (TTEx) के साथ शुरू हो जाएगी, जिसमें केन्द्र, राज्य और ज़िला अधिकारियों को एक साथ लाकर परिदृश्यों पर चर्चा और घटना कार्य योजनाएं (IAP) तैयार की जाएंगी। सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (DDMA) को निर्देश दिए गए हैं कि वे आपातकालीन संचालन केंद्र (EOC) सक्रिय करें और स्थानीय जागरूकता अभियान चलाएं। अभ्यास के दौरान उपयोग किए जाने वाले निकासी मार्ग, राहत शिविर, मेडिकल चौकियां आदि का स्पष्ट सीमांकन किया जाएगा।
इसके अलावा, स्वयंसेवी संगठनों जैसे रेड क्रॉस, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस को भी सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जनभागीदारी और स्थानीय सहयोग को भी अभ्यास का हिस्सा बनाया जा सके।
ड्रिल के बाद होगा विस्तृत मूल्यांकन
मॉक ड्रिल के समापन के बाद राज्य स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में डीब्रीफिंग और फीडबैक सेशन आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रदर्शन समीक्षा, स्वयं मूल्यांकन रिपोर्ट, और वीडियो-फोटोज सहित एक विस्तृत अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह रिपोर्ट राज्य और केंद्र सरकार को भविष्य के संदर्भ के लिए सौंपी जाएगी ताकि किसी भी वास्तविक आपदा की स्थिति में बेहतर रणनीति और जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
अभ्यास से बढ़ेगी आपदा के प्रति सजगता
यह अभ्यास प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत आयोजित हो रहा है, जिसमें मल्टी-स्टेट और मल्टी-एजेंसी आपदा तैयारी अभ्यास को प्राथमिकता दी गई है। NCR क्षेत्र पर केंद्रित यह पहली बार का व्यापक और समन्वित प्रयास है, जो तकनीकी, प्रशासनिक और सामुदायिक तैयारियों को एक मंच पर लाकर आपदा प्रबंधन में नई मिसाल कायम करेगा। 1 अगस्त को बजने वाला सायरन न केवल एक अभ्यास की शुरुआत का संकेत होगा, बल्कि यह संकेत भी देगा कि हरियाणा अब आपदाओं से मुकाबले के लिए पहले से कहीं ज्यादा तैयार है।





