भोपाल।
प्रदेश में संगठन चुनाव को लेकर बीजेपी मुख्यालय में बैठकों का दौर जारी है।रविवार रात को भी भाजपा के 1013 मंडलों में अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया चलती रही।इस दौरान बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, शिवराज सिंह चौहान और सुहास भगत , प्रदेश निर्वाचन अधिकारी हेमंत खंडेलवाल और सह निर्वाचन अधिकारी विजेश लुनावत मौजूद रहे है।सभी के बीच नामों को लेकर लंबी चर्चा हुई, इस दौरान 40 के फार्मूले के छिड़े विवाद को देखते हुए 200 से अधिक नामों को होल्ड कर दिया गया। वही प्रदेश के 1023 मंडलों के अध्यक्ष पर सहमति बनी, उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक नामों का ऐलान किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि जिलों में सांसद-विधायक और प्रमुख नेताओं की पसंद को ज्यादा तवज्जो दी गई। सतना, जबलपुर, पन्ना, और दमोह जैसे जिलों में सहमति बनाने के लिए उच्च स्तर पर मशक्कत चलती रही।वही एक बार फिर मंडल अध्यक्ष चुनाव को लेकर भाजपा कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए हैं। बताया जा रहा है कि 200 से ज्यादा मंडल अध्यक्षों का नाम प्रबंधन ने रोक दिया है, जिसके चलते विवाद की स्थिति बन गई है। उम्र के क्राइटेरिया के चलते मंडल अध्यक्षों का नाम रोका गया है।
दरअसल, मंडल अध्यक्ष के लिए अधिकतम 40 साल उम्र की सीमा रखी गई है। चुनाव में प्राथमिकता 35 से 40 वर्ष रखी गई है।जिसके चलते कई उम्र दराज बाहर होने की कगार पर है, ऐसे में विवाद को देखते हुए नामों को रोका गया है। 40 से अधिक उम्र के मामलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों को पुन: रायशुमारी करने को कहा गया है।वही मध्यप्रदेश के पार्टी नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान और राकेश सिंह जैसे नेताओं का हवाला देते हुए कहा है कि वे भी जब मंडल अध्यक्ष चुने गए थे तब उनकी उम्र भी 34 से 40 के बीच ही थी। लेकिन अब पेंच ऐसे कार्यकर्ताओं के बीच फंस गया है जो लंबे से भाजपा का झंडा उठाते आए हैं।विवाद को देखते हुए बीजेपी की कोशिश है की बाकी बचे मंडल अध्यक्ष के नाम शाम तक घोषित कर दिए जाएं।
इन जिलों में सहमति
भोपाल ग्रामीण, उज्जैन और इंदौर ग्रामीण सहित दतिया, दमोह, गुना, रीवा, सागर, उमरिया, जबलपुर, बालाघाट, सिंगरौली, सीधी, खंडवा, रतलाम और नीमच