VIDEO : MP में पटवारियों का आंदोलन जारी, आज भोपाल में तिरंगा यात्रा, 28 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी, पे-ग्रेड और भत्तों की मांग

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MP Patwari Strike :  मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोल रखा है। वेतनमान, भत्ते एवं पदोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर 3 दिन अवकाश के बाद आज शनिवार को प्रदेशभर के 19 हजार पटवारी भोपाल में तिरंगा यात्रा निकाल रहे है। पटवारियों का कहना है कि इसके बाद भी अगर सरकार मांगों का निराकरण नहीं करती है तो तृतीय चरण में 28 अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे।

28 अगस्त से हड़ताल पर जाने की तैयारी

दरअसल, अपनी मांगों को लेकर पटवारी कई बार को चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने अब तक इनकी मांगों पर विचार नहीं किया है, जिसके चलते वे सामूहित अवकाश पर चले गए है। जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती है आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चलता रहेगा। प्रथम चरण 21 अगस्त से सभी शासकीय ग्रुप से लेफ्ट हो गए थे और ऑनलाइन कार्य का बहिष्कार किया था। दूसरे चरण में 23 से 25 अगस्त तक 3 दिन तक सामूहिक अवकाश पर रहे। अब आज 26 अगस्त को भोपाल में शांतिपूर्वक तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। इसके बाद भी सरकार मांगों का निराकरण नहीं करती है तो तृतीय चरण में 28 अगस्त से हड़ताल पर चले जाएंगे।

मंत्री के ग्रेड पे वृद्धि के आश्वासन पर अबतक अमल नहीं

पटवारियों का कहना है कि पिछले 25 सालौों में वेतनमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वर्ष 1998 में निर्धारित किए गए वेतनमान के अनुसार ही वर्तमान वर्ष 2023 में वेतन दिया जा रहा है। विगत 25 वर्ष में प्रदेश के पटवारियों के वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई है, लेकिन राजस्व विभाग एवं उसकी पद स्थापना वाले भू-अभिलेख विभाग के सभी पदोन्नत पदों के वेतनमान में कई बार वृद्धि की गई। पटवारी वेतनमान पे ग्रेड 2800 के लिए वर्ष 2007 पटवारी महाअधिवेशन सनावद में घोषणा की गई थी, राजस्व मंत्री ने भी इसे बढ़ाने का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है।

ये हैं प्रमुख मांगें

  • समयमान की वेतन विसंगति को सुधारा जाए।
  • पदोन्नति दी जाए। क्रमशः आरआई, नायब तहसीलदार और तहसीलदार।
  • गृह भाड़ा और यात्रा भत्ते संबंधी अन्य भत्ते बढ़ाए जाएं।

 


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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