भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में शिवराज सरकार (sivraj government) रोजगार कार्यालय (Employment office) को बंद करने जा रही है। दरअसल पहले ही प्रदेश में रोजगार नीति को लेकर शिवराज सरकार पर कई तरह के सवाल हावी है। ऐसी स्थिति में अब 51 में से 36 रोजगार कार्यालय को बंद करने का सरकार का फैसला प्रदेश की जनता को असमंजस में डाल रहा है।
प्रदेश में हर जगह रोजगार मेलों का आयोजन करने और प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिलाने की बात करने वाली शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश भर के 36 रोजगार कार्यालय को बंद करने का फैसला लिया गया है। इस बात की जानकारी विधानसभा में जयवर्धन सिंह (jayvardhan singh) के सवाल के जवाब में मिली।
बता दें कि प्रदेश में 24 लाख बेरोजगार युवा है। वही बजट सत्र के दौरान शिवराज सरकार ने बताया कि मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक प्रदेश के 13 लाख 57 हजार 493 उम्मीदवारों ने इन दफ्तरों में अपना पंजीयन (registration) कराया है। वहीं आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में हर महीने 1 लाख 20 हजार बेरोजगार युवा रोजगार कार्यालय रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
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वही अब इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह (brijendra singh) ने कहा कि रोजगार मिलने के जरिए को बंद किया जा रहा है। जबकि पौधारोपण से रोजगार नहीं मिल सकता है। वही सरकार से सवाल करते हुए पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह ने कहा कि पैसा बहाकर रोजगार देने की बात करने वाले बीजेपी सरकार (bjp government) द्वारा अब रोजगार कार्यालय को बंद करने का निर्णय लेना आखिर किस प्रक्रिया का हिस्सा है। साथ ही बृजेंद्र सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश अब बेरोजगार प्रदेश बनने की राह पर अग्रसर है।
वहीं कांग्रेस के सवाल पर बीजेपी के हरिशंकर खटीक ने कहा कि शिवराज सरकार ने फैसला लिया है तो काफी सोच समझ कर लिया होगा। हमारा मकसद प्रदेश के युवाओं को रोजगार (employment) देना है। जिस को पूरा करने के लिए शिवराज सरकार प्रतिबद्ध है।