बचपन की गलियों से राष्ट्रीय मंच तक: 5वीं सीनियर नेशनल पिट्टू चैंपियनशिप का आयोजन, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा ‘लौट रहे हैं पिट्टू वाले दिन’

पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा इस चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है और प्रधानमंत्री ने इसके लिए संदेश जारी करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है। ये हमारी पीढ़ी के लिए बचपन की मीठी याद है लेकिन आज की जनरेशन के कई युवा और बच्चे इससे परिचित नहीं होंगे। पिट्टू में सात सपाट पत्थरों को एक के ऊपर एक रखकर ढेर बनाया जाता है और इसी को "पिट्टू" कहते हैं। एक टीम गेंद से इस ढेर को गिराने की कोशिश करती है, जबकि दूसरी टीम इसे बचाने और फिर से बनाने की कोशिश करती है। यह खेल रणनीति और निशानेबाजी का बेहतरीन मिश्रण है।

5th Senior National Pittu Championship : आप अपने बचपन को याद करते हैं तो क्या क्या तस्वीरें मन में कौंधती हैं। स्कूल, दोस्त, खूब सारी मस्ती और देर तक बाहर खेलना कूदना। हमारे बचपन में कई ऐसे देसी खेल थे जिन्होंने हमें चुस्त दुरुस्त बनाने में बहुत मदद की। लेकिन अब समय के साथ पारंपरिक खेल धुंधलाते जा रहे हैं। फिर चाहे खो-खो हो, गिल्ली डंडा, कंचे. सांप-सीढ़ी या पिट्टू। भारत में देसी खेलों की एक समृद्ध विरासत रही है और अच्छी बात ये है कि पिट्टू को नई पीढ़ी में लोकप्रिय करने के लिए ‘पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (PFI) कई सार्थक प्रयास कर रहा है। ‘5वीं सीनियर नेशनल पिट्टू चैंपियनशिप’ भी इसी सिलसिले का हिस्सा है जो जल्द आयोजित होने वाला है।

नेशनल पिट्टू चैंपियनशिप के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खेलों का पुनर्जीवन सराहनीय प्रयास है और ये कदम प्रशंसनीय है। पीएम मोदी के इस संदेश को X पर साझा करते हुए मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि ‘पिट्टू एक ऐसा खेल है जो गलियों की मिट्टी में रचा-बसा है, जो बचपन की मस्ती, मित्रता की मिठास और जीवंत उत्साह का प्रतीक है।’

5वीं सीनियर नेशनल पिट्टू चैंपियनशिप के लिए पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

बचपन की यादों में रचा बसा ‘पिट्टू’ अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में सिटोलिया, लगोरी, सात पत्थर, डिकोरी जैसे नामों से जाना जाता है। अब ‘पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया’ द्वारा 5वीं सीनियर नेशनल पिट्टू चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन पर प्रसन्नता जताते हुए अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘पिट्टू जैसे खेल न सिर्फ हमारे बचपन की मधुर स्मृतियों से जुड़े हैं बल्कि वे टीम भावना, सहकार्य, कौशल और रणनीति जैसे महत्वपूर्ण जीवन मूल्य भी सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में शारीरिक सक्रियता का महत्व पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है, ऐसे समय में पारंपरिक खेलों का पुनर्जीवन अत्यंत सराहनीय प्रयास है। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस चैंपियनशिप के माध्यम से पिट्टू को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी और युवा पीढ़ी में इसकी लोकप्रियता बढ़ेगी।

कैलाश विजयवर्गीय ने जताई प्रसन्नता

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा है कि ‘हमारी सांस्कृतिक विरासत में खेलों का स्थान मनोरंजन के साथ जीवन-मूल्यों, अनुशासन, सौहार्द और सामूहिक चेतना का स्रोत रहा है। अत्यंत हर्ष का विषय है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में राष्ट्र ने पारंपरिक खेलों के पुनर्जीवन की ओर सार्थक कदम बढ़ाए हैं। इसी क्रम में ‘पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया’ द्वारा 5वीं सीनियर नेशनल पिट्टू चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है, यह ऐतिहासिक पहल है।’ उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह चैंपियनशिप ‘पिट्टू’ को राष्ट्रीय मंच पर नई पहचान देगी।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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