72-Hour Smartphone Detox : मोबाइल फोन का ईजाद हमारी सुविधा के लिए किया गया था। इसका उद्देश्य था कि लोग आसानी से एक-दूसरे से संपर्क कर सकें, महत्वपूर्ण जानकारियां तुरंत प्राप्त की जा सके और ये हमारे कामकाज को आसान कर दे। ऐसा हुआ भी..लेकिन धीरे-धीरे ये सुविधा हमारी आदत बनी और फिर एक लत में बदल गई। ऐसी लत जिसने हमारा समय, ध्यान और जीवनशैली पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है। ऐसे में अगर आपको कोई 72 घंटे बिना मोबाइल फोन के रहने को कहे तो आपका क्या जवाब होगा।
हालिया रिसर्च में ये बात सामने आई है कि सामने आया है कि अगर आप सिर्फ तीन दिन के लिए अपने मोबाइल से दूरी बना लें तो आपके दिमाग पर इसका चमत्कारी असर हो सकता है। तो अगर आप भी अपने मोबाइल के बिना नहीं रह पाते हैं..खाते-पीते यहां तक कि बाथरूम में भी आपको अपना स्मार्टफोन चाहिए..तो ये खबर आपके काम की हो सकती है।

Smartphone: तीन दिन का अनोखा प्रयोग
जब मोबाइल फोन पहली बार आया तब इसका उपयोग सिर्फ जरूरी बातचीत के लिए होता था। लेकिन आज स्थिति ये है कि हम रियल वर्ल्ड में जरूरी बातचीत करते हैं और अधिकांश समय मोबाइल पर ही बीतता है। ऐसे में ये रिसर्च चौंकाने वाली है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक दिलचस्प अध्ययन किया जिसमें युवाओं से कहा गया कि वे तीन दिन तक अपने स्मार्टफोन से दूरी बनाए रखें। हालांकि, ज़रूरत पड़ने पर परिवार या पार्टनर से बातचीत करने की अनुमति दी गई। हीडलबर्ग और कोलोन यूनिवर्सिटी के इस प्रयोग से पहले और बाद में प्रतिभागियों के दिमाग का MRI स्कैन और साइकोलॉजिकल टेस्ट किया गया। इसी के साथ उनकी मानसिक स्थिति, मोबाइल की लत और मूड में बदलावों क भी ट्रैक किया गया।
नतीजा..जो आपको हैरान कर देगा
तीन दिन बाद जब इनका दुबारा MRI स्कैन हुआ तो नतीजे चौंकाने वाले थे। स्मार्टफोन के कम उपयोग से इनके दिमाग में डोपामाइन और सेरोटोनिन से जुड़े हिस्सों में सकारात्मक बदलाव नज़र आया। ये न्यूरोट्रांसमीटर मूड और इमोशन्स को कंट्रोल करते हैं और किसी लत से जुड़ी समस्याओं में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में रिसर्च में पाया गया कि मोबाइल छोड़ने से आश्चर्यजनक रूप से दिमाग पर वही असर पड़ा, जो किसी भी नशे की लत से बाहर निकलने पर महसूस होता है।
इंटरनेट से दूरी मतलब थोड़ा और युवा होना
इससे पहले अमेरिका और कनाडा की यूनिवर्सिटी में भी कुछ शोध हुए हैं जिनके बाद ये कहा गया कि इंटरनेट से दूरी बनाने पर न सिर्फ मानसिक सेहत बेहतर होती है, बल्कि इंसान अधिक खुश और संतुष्ट महसूस करता है। इस अध्ययन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने ज्यादा अच्छी नींद ली, उनकी एकाग्रता बढ़ी और वे अधिक शांति महसूस करने लगे। अटेंशन टेस्ट में सबसे दिलचस्प बात ये पता चली कि उनका ध्यान केंद्रित करने की क्षमता 10 साल कम उम्र वाले लोगों के बराबर हो गई। मतलब इस मामले में वो दस साल युवा हो गए। इसीलिए अगर आप भी स्मार्टफोन और इंटरनेट की लत के शिकार हैं तो इस ओर ध्यान दीजिए ओर इनसे थोड़ी दूरी बनाकर अंतर खुद महसूस कीजिए।