भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण जटिया (Satyanarayan Jatiya) के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेत्री कुसुम सिंह मेहंदेले (Kusum Singh Mahdele) ने ट्वीट कर सवाल पूछा है कि यदि भाजपा में 75 वर्ष आयु पूर्ण करने वालों को टिकट नहीं देने का प्रावधान नहीं है तो फिर उनके जैसे कई लोगों का टिकट क्यों काटा गया।
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सत्यनारायण जटिया ने एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी में 75 साल से ज्यादा आयु वालों को टिकट न दिया जाए, इस तरह का कोई नियम कभी नहीं रहा। जटिया ने यह भी कहा है कि बेवजह इस नियम को चर्चा का विषय बना दिया गया जबकि यह नियम कभी बनाया ही नहीं गया। पार्टी सही समय पर सही कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपती है। जटिया के इस बयान को लेकर बीजेपी की मुखर वरिष्ठ नेत्री और प्रदेश सरकार में मंत्री रही कुसुम मेहंदेले ने सवाल पूछा है कि जटिया जी किस आधार पर यह कह रहे हैं कि यह नियम नहीं रहा। अगर यह नियम नहीं था तो फिर मध्यप्रदेश में बाबूलाल गौर, सरताज सिंह,रामकृष्ण कुसमारिया और मेरे यानी कुसुम मेहंदेले जैसे कार्यकर्ताओं समेत पूरे देश भर में कई लोगों के टिकट क्यों काटे गए।
गौरतलब है कि 75 की आयु पार नियम की आड़ में तत्कालीन शिवराज सरकार में मंत्री रहे बाबूलाल गौर और सरताज सिंह दोनों को मंत्री पद से हटने का आदेश आलाकमान के माध्यम से दिया गया था और उसके बाद उन दोनों ने पद छोड़ भी दिया था। विधानसभा के चुनाव में 2018 में न तो गौर को टिकट मिला न कुसुम मेहंदेले को, न कुसमारिया को और ना सरताज सिंह को, जबकि तीनों ही उम्मीदवार भारी बहुमत से 2013 का विधानसभा चुनाव जीते थे। अब विधानसभा चुनावों में लगभग एक साल का वक्त बचा है और कई ऐसे वर्तमान विधायक है जो 75 वर्ष की आयु पार कर जाएंगे। ऐसे में उनके टिकट को लेकर पार्टी क्या फैसला करेगी, यह देखने वाली बात होगी।
दिनांक 5 नवम्बर को भास्कर में छपे माननीय जटिया जी के इस बयान से सहमत नहीँ हूँ भा ज पा में 75 वर्ष की आयु का नियम नहीं है।यदि नियम नही है तो माननीय कुसमरिया जी सरताज सिंह जी बाबूलाल गौर जी मेरा तथा देशभर में बहुत से जीते हुए सिटिंग विधायकगण सांसदों के टिकिट क्यों कटे?
— kusum singh mahdele (@ikusummahdele) November 5, 2022