भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय (Union Ministry of Power) द्वारा जारी स्टैंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट (Standard bid document) के अंतर्गत सभी बिजली वितरण कंपनियों (Power Distribution Companies) का निजीकरण किया जाना है, यूपी के बाद मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में यह प्रक्रिया शुरु हो, इसके पहले ही बिजली कर्मचारियों (Electrical workers) ने शिवराज सरकार (Shivraj Government) को चेतावनी दे डाली।
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कर्मचारियों का साफ कहना है कि अगर उत्तर प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश में भी निजीकरण करने की कोशिश की गई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे और पूरे एमपी में विद्युत आपूर्ति बंद (Power Supply cut) कर देंगे। इस फैसले से करीब 80 हजार अधिकारी और कर्मचारियों (Officers and employees) की नौकरी खतरे में आ जाएगी।
दरअसल, मध्य प्रदेश में तीन कंपनियां मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल (Central Region Power Distribution Company Bhopal), मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर (MP East Region Power Distribution Company Jabalpur), मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर (MP Western Region Power Distribution Company Indore) है, जिनका प्रस्तावित निजीकरण के तहत संविलियन संबंधित निजी कंपनियों में होना है।
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इन कंपनियों में करीब 80 हजार कर्मचारी-अधिकारी काम करते है।। इसमें 30 हजार नियमित, 35 हजार आउटसोर्स और 6 हजार संविदा अधिकारी, कर्मचारी और अन्य कार्यरत हैं।अगर ऐसा किया गया तो इन अधिकारी-कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ जाएगी। कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर ऐसा किया तो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की तरह मध्य प्रदेश में भी विद्युत आपूर्ति बंद कर देंगे, जबकी इंदौर, ग्वालियर और भोपाल में कर्मचारी प्रदर्शन कर अपना विरोध जता चुके है।
बता दे कि हाल ही में उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया को शुरु किया था, जिसका बिजली कर्मियों ने एक महिने तक लगातार विरोध प्रदर्शन किया था और विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ठप कर दी थी, जिसके बात निजीकरण (Privatization) की प्रक्रिया को कैबिनेट बैठक( Cabinet Meeting) के बाद स्थगित कर दिया गया।